मोदी की तारीफ, अब अपर्णा को आशीर्वाद, सैफई से सिद्धार्थ नगर तक होगा तस्वीर का असर
जय श्रीराम, पिक्चर ऑफ द डे, बहू-बेटियां योगीराज में ही सुरक्षित हैं, जय भाजपा-तय भाजपा। ये कुछ लोगों के रिएक्शन हैं जो अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के ताजा ट्वीट पर आए हैं। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) की सदस्यता लेने के बाद अपर्णा अपने ससुर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आशीर्वाद लेने पहुंची। उनके पैर छुए और मुलायम ने अपनी छोटी बहू को आशीर्वाद दिया। नेताजी ने क्या कहा, ये तो अपर्णा ने नहीं बताया। उन्होंने सिर्फ इतना लिखा है – भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के पश्चात लखनऊ आने पर पिताजी/नेताजी से आशीर्वाद लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ये तस्वीर क्या असर दिखा सकती है उसकी बानगी तो यूजर्स के रिएक्शन से ही साफ है। जो दिखता है वही बिकता है। ये आपने-हमने सुना भी है। तो मुलायम से आशीर्वाद लेती तस्वीर को सार्वजनिक कर अपर्णा यादव ने ये बता दिया है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव उनके साथ हैं। ये सपा वोटर्स को कन्फ्यूज करने के लिए काफी है। हालांकि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपर्णा के जाने पर पत्रकारों से कहा था कि नेताजी ने बहुत समझाने की कोशिश की पर वो नहीं मानी।
अखिलेश यादव ने ये कहकर रफा दफा किया कि .. अच्छा है समाजवादी विचारधारा का प्रसार हो रहा है। अब ये तस्वीर किस विचारधारा का प्रचार करेगी। ये भी सोच लीजिए। समाजवादी पार्टी के मुखिया भारतीय जनता पार्टी के संभावित उम्मीदवार और अपनी बहू को आशीर्वाद दे रहे हैं। निश्चित तौर पर सैफई से सहारनपुर तक यही मैसेज जाएगा। खासकर यादव वोट बैंक पर इसका असर पड़ना लाजिमी है। अपर्णा भले परिवार पर चुप हैं लेकिन प्रमोद गुप्ता बहुत कुछ कह चुके हैं। और परिवार जिस संकट से 2017 से पहले गुजरा है उसमें शिवपाल यादव, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने एक दूसरे का साथ जो किया वो बहुत पुराना नहीं हुआ है। यही अखिलेश अपने पिता मुलायम सिंह यादव को पार्टी से बाहर कर चुके हैं। और मुलायम कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
हाल ही में जब राष्ट्रयी स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ उनकी तस्वीर आई तो भी कहानियां बनी। कई बार ऐतिहासिक कड़वाहटें वक्त को दवा बना दब भी जाती हैं। मुलायम और संघ के साथ भी ऐसा ही है। इसलिए सरसंघचालक की समाजवादी पार्टी के नेता से मुलाकात कोई ऐतिहासिक घटना नहीं थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ऑन रिकॉर्ड मुलायक की तारीफ कर चुका है। आज नहीं बल्कि कारसेवकों पर फायरिंग के 10 साल बाद ही जब नेताजी फिर से यूपी के सीएम की कुर्सी पर काबिज थे। बात 2003 की है जब मायावती की पार्टी फोड़ मुलायम सीएम बने थे। तब संघ ने हिंदी और स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए मुलायम सिंह यादव की जमकर तारीफ की थी।
मुलायम और मोदी की दोस्ती
ये अगर पुरानी बात हो गई तो 13 फरवरी 2019 बीते ज्यादा दिन नहीं बीते। तब लोकसभा के भीतर मुलाय सिंह यादव ने नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। भरे सदन में मुलायम ने कह दिया कि वो चाहते हैं मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें। बगल में सोनिया गांधी बैठी थीं। मोदी ने जय श्रीराम की गूंज के बीच हाथ जोड़ कर मुलायम का अभिवादन किया।
भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के पश्चात लखनऊ आने पर पिताजी/नेताजी से आशीर्वाद लिया। pic.twitter.com/AZrQvKW55U
— Aparna Bisht Yadav (@aparnabisht7) January 21, 2022
थोड़ा और पीछे चलें तो 2015 में सहारनपुर की रैली में नरेंद्र मोदी ने मुलायम सिंह की तारीफ की थी। तब सदन नहीं चलने देने के अड़ियल रवैये का मुलायम ने विरोध किया और अलग रास्ता अख्तियार कर लिया था। मोदी ने कहा था – मुलायम सिंह विपक्ष में हैं। वो हमारी आलोचना करते हैं, पर लोकतंत्र को बचाने के लिए उन्होंने हर संभव कोशिश की।
इस याराने का जिक्र मुलायम ने परिवार में बढ़ रहे झगड़े के दौरान किया था। उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओं की मौजूदगी में कहा कि ‘गैरों की महफिल में तुम्हारी चर्चा हो जाए तो क्या बात है, मुझे गौरव महसूस होता है. प्रधानमंत्री मेरी तारीफ करते हैं लेकिन तुम बुद्धिहीन लोग मेरा नाम भी नहीं लेते. इसलिए तनातनी चलती रहेगी। यूपी चुनाव के नजदीक आते-आते और तेज भी होगी। पर दिन की रणभेड़ी रात को शांत रहती है। तब कुछ चौंकाने वाले पल कैद हो ही जाते हैं। अपर्णा और मुलायम की तस्वीर कुछ ऐसी ही है