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Boiling River: किसी के लिए जिंदगी तो किसी के लिए मौत, पेरू की रहस्यमय उबलती नदी, गिरते ही चली जाती है जान

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हाइलाइट्स

  • पेरू में एक नदी है जिसका पानी उबल रहा होता है
  • इस नदी का तापमान 93 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है
  • नदी में कोई भी जानवर जीवित नहीं रह पाता है

 

लीमा: आपने पहाड़ों पर मौजूद कई गर्म पानी के सोते के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपनी कभी किसी गर्म पानी की नदी के बारे में सुना है? दुनिया में एक ऐसी नदी है, जिसका पानी गर्म है। गर्म ही नहीं, इस नदी का पानी उबल रहा होता है। इस नदी का नाम शनय टिम पिशका (Shanay Timpishka) नदी है, जो पेरू के इलाके में मौजूद अमेजन रेनफॉरेस्ट में है। यह नदी 6.4 किमी लंबी है। रिकॉर्ड के मुताबिक इस नदी का पानी 200 डिग्री फारेनहाइट (93.33 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है। इस नदी के किनारे पर हरे-भरे जंगल हैं जो एक 60 फीट की दीवार बनाते हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक यह नदी पवित्र है, जिसमें रोगों को खत्म करने की ताकत है। उनका कहना है कि पेरू के रहने वाले एक शख्स ने अपने पोते एंड्रेस रूजो को शनय टिम पिशका नदी की कहानी सुनाई थी। इसे ला बॉम्बा और बोइलिंग रिवर के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब सूर्य की गर्मी से उबलने वाला है। एंड्रेस रूजो जब भू-भौतिकविद बने तो उन्होंने इस नदी को खोजने के लिए टेस्ट शुरू किया। उन्होंने पेरू का एक थर्मल नक्शा बनाकर इसकी शुरुआत की और अंततः एक असामान्य रूप से बड़ी गर्म जगह को खोजा।

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कितना है पानी का तापमान

ये किसी भी महाद्वीप पर पाए जाने वाले सबसे बड़ी भू-तापीय स्थानों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एंड्रेस रूजो नवंबर 2011 में मध्य पेरू में एक अभियान पर गए थे, ताकि वह इस उबलती हुई नदी को देख सकें। यहां पहुंच कर उन्हें पता चला कि लोग मानते हैं कि नदी छोटे से शहर मयंतुआकु के जादूगर की ओर से संरक्षित है, जो एक चिकित्सा केंद्र है। वहां उन्हें शमन से पानी के अध्ययन की विशेष अनुमति मिली। उन्होंने पाया कि यहां पानी का तापमान 120 डिग्री से लेकर 200 डिग्री फारेनहाइट तक हो सकती है।

पानी में गिरने पर जल जाएंगे

उन्होंने अपनी खोज में पाया कि नदी के किनारे की मिट्टी भी बहुत गर्म थी। अगर पानी में गलती से गिर जाएं तो एक सेकंड में ही थर्ड-डिग्री बर्न हो जाएगा। उन्होंने नदी के किनारे मरे हुए जानवरों को भी पाया, जो शायद फिसल कर गिर गए होंगे। उन्होंने कई जगहों के तापमान को नापा और पाया कि यह बहुत ज्यादा गर्म है। ये वैसे हैरानी वाली बात है, क्योंकि जिस जगह ये नदी है, वहां किसी भी तरह की ज्वालामुखी गतिविधि देखने को नहीं मिलती। उनका मानना है कि एक फॉल्ट-लीड हाइड्रोथर्मल फीचर के कारण पानी इतना गर्म है।

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