चीन की सेना के लिए संकट बने शी जिनपिंग! रक्षामंत्री लापता तो जनरल बर्खास्त, ‘तानाशाही’ पर उठे सवाल
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद अपनी सेना के लिए बड़ा संकट बनते जा रहे हैं। वह भी तब जब ताइवान को लेकर अमेरिका से युद्ध का खतरा मंडराता जा रहा है। चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू करीब 3 सप्ताह से लापता हैं और जिनपिंग सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है। बताया जा रहा है कि उन्हें नजरबंद किया गया है और भ्रष्टाचार को लेकर उनके खिलाफ जांच चल रही है। यही नहीं चीनी सेना के सर्वोच्च कमांडर जिनपिंग ने पीएलए के रॉकेट फोर्स के कई शीर्ष जनरलों को बर्खास्त कर दिया है। जिनपिंग बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने चीनी सेना में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है लेकिन हकीकत में वह इसे रोकने में फेल रहे हैं।
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में शी जिनपिंग की पहल पर चीनी सेना का बहुत ही तेजी से विस्तार किया गया है। इस दौरान सेना के ठेकों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। ठेके हासिल करने के लिए सेना के जनरलों को घूस देना पड़ता है। चीनी सेना के अखबार पीएलए डेली में छपे एक लेख के मुताबिक, ‘भ्रष्टाचार पार्टी के अंदर मौजूद नहीं रह सकता है, खासतौर पर सेना के अंदर। जब सेना भ्रष्ट होगी तो उसके अंदर लड़ने की क्षमता नहीं होगी।’ अक्टूबर 2022 में पीएलए डेली ने दावा किया कि 10 साल के भ्रष्टाचार रोधी अभियान के बाद सेना अब इससे उबर चुकी है।
शी जिनपिंग के सामने बड़ा संकट
चीनी सेना के दावे के उलट चीन के रक्षामंत्री लापता हैं और रॉकेट फोर्स के 3 सैन्य अधिकारी बर्खास्त कर दिए गए हैं। इन सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप बताए जा रहे हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार निरोधी संस्था ने कमांडर ली यूचाओ, उनके अधिनस्थ अधिकारी झांग झेनझोंग और लियू गुआंगबिन की भ्रष्टाचार को लेकर जांच कर रही है। रक्षामंत्री ली शांगफू के खिलाफ भी माना जा रहा है कि इसी तरह के आरोप पर जांच चल रही है। ली पहले चीनी सेना के हथियार खरीद सेक्शन के प्रमुख थे। चीनी सेना का यह अंग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
ली शांगफू ने ही रूस से सुखोई-35 फाइटर जेट की डील को फाइनल कराया था। इस डील वजह से अमेरिका ने उनके खिलाफ प्रतिबंध लगाया था। इस साल जुलाई महीने में चीनी सेना के हथियार खरीद विभाग ने लोगों से अनुरोध किया कि वे अक्टूबर 2017 से जारी अनियमितताओं की जानकारी दें। ली साल 2022 तक इस विभाग के प्रमुख थे। शी जिनपिंग के सेना के शीर्ष जनरलों को प्रमोशन देकर भी हटाने के फैसले से साबित होता है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त हैं। हालांकि इससे यह भी साफ होता है कि शी जिनपिंग के पास ऐसे विश्वसनीय सैन्य अधिकारियों की कमी है जो चीनी राष्ट्रपति के आधुनिकीकरण के प्रयासों को अंतिम रूप दे सकें।
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