InternationalNational

टूल किट मामले में दिल्ली पुलिस की पहली कार्रवाई, क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि गिरफ्तार

Spread the love

हाइलाइट्स:

  • किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट और फॉरवर्ड करने का है आरोप
  • दिल्ली पुलिस ने टूलकिट लेखक के खिलाफ दर्ज की थी एफआईआर
  • दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर नाम से ट्विटर हैंडल चलाती है

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में पहली गिरफ़्तारी की है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने शनिवार को 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित ‘टूलकिट’ फैलाने में उसकी कथित भूमिका के लिए बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया। दिशा रवि फ्राइडे फॉर फ्यूचर नाम का ट्विटर हैंडल चलाती है। 4 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग की तरफ से पोस्ट की गई टूलकिट को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट किया और उसमें कुछ चीजें जोड़ीं और उसे फॉरवर्ड किया।

‘टाइगर’ जिंदा तो है पर दाने-दाने को मोहताज, पूर्व रॉ एजेंट का ऐसा हाल?

बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट है दिशा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिशा साल 2018 में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट शुरू करने वाले संगठन एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं। दिशा ने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। वह फिलहाल गुड मिल्क कंपनी में कलीनरी एक्सपीरियंस मैनेजर है। दिशा के पिता मैसुरू में एथलेटिक कोच हैं जबकि मां हाउस वाइफ है।

टूलकिट के लेखक के खिलाफ FIR
दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग के किसानों के आंदोलन के समर्थन को लेकर ‘टूलकिट’ मामले का संज्ञान लिया था। पुलिस ने भारत सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने (राजद्रोह) और विभिन्‍न समूहों में धार्मिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और मानवता की बहाली में पूर्वाग्रह से कार्य करने के आरोप में केस दर्ज किया था। पुलिस का कहना था कि टूलकिट के लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में किसी का नाम नहीं है, ये केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है।

फूलन देवी की बंदूक, निर्भय गुज्जर का टेपरिकॉर्डर…डाकुओं और पुलिस की कहानियां बताएगा भिंड का डकैत म्यूजियम

ग्रेटा ने टूलकिट शेयर दी थी सलाह
स्‍वीडन की क्‍लाइमेट वर्कर ग्रेटा थनबर्ग ने 4 फरवरी एक ‘टूलकिट’ शेयर कर लोगों को इस बारे में सलाह दी थी कि वे किस तरह से आंदोलन को समर्थन कर सकते हैं। दिल्‍ली पुलिस के अधिकारियों ने इसे किसानों को उकसाने के लिए ‘एक संगठित विदेशी नेटवर्क की ओर से की गई साजिश’ करार दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *