Shinzo Abe Passes Away : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे हार गए जिंदगी की जंग… गंभीर हालत से जूझने के बाद निधन
हाइलाइट्स
- जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे हार गए जिंदगी की जंग
- शुक्रवार सुबह मारी गई थीं दो गोलियां, गंभीर हालत के बाद निधन
- सकते में जापान, बेहद सख्त गन लॉ के बाद भी हत्या चौंकाने वाली
41 साल के आरोपी तेत्सुया यामागामी ने शिंजो आबे पर गोली चलाई थी जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटनास्थल से पुलिस ने एक हैंडमेड गन बरामद की थी। शिंजो आबे पर हमले के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा एक चुनाव प्रचार स्थल से टोक्यो लौट आए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में किशिदा ने पत्रकारों से कहा था कि आबे का सर्वश्रेष्ठ इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं दिल से पूर्व प्रधानमंत्री के ठीक होने की दुआ कर रहा हूं।’ खबरों के मुताबिक नारा शहर में सुबह 11:30 बजे जैसे ही आबे ने बोलना शुरू किया हमलावर ने उन पर दो गोलियां चलाईं। पुलिस ने बताया एक गोली उनके गले और दूसरी उनकी छाती में लगी।
अस्पताल ले जाते वक्त रुक गई थी धड़कन
दमकल अधिकारी बताया था कि विमान से आबे को अस्पताल ले जाते समय उनकी सांस नहीं चल रही थी और दिल की धड़कनें भी रुक गई थीं। आबे पर हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर मौजूद है। इसमें देखा जा सकता है कि उन पर पीछे से हमला किया गया था जिसे रोकने में सुरक्षाकर्मी नाकाम रहे थे। गोली लगने के बाद शिंजो अबे जमीन पर गिर गए और उनके गले से खून निकलने लगा।
जापान के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन पर हमले के बाद जापान सरकार ने एक टास्क फोर्स का गठन किया था। वो देश जहां पर सबसे कम गन क्राइम होते हैं और जहां पर बंदूकों से सबसे कम लोगों की जान जाती है, वहां ये घटना चौंकाने वाली है। जिस बंदूक से आबे की हत्या की गई, वो एक होममेड हथियार है। इसे डक्ट टेप और पाइप्स को मिलाकर तैयार किया गया था। देखने में ये बिल्कुल कैमरे के जैसी दिखती है और इसे करीब से देखने पर दो पाइप साफ नजर आ रहे हैं।
एशिया के पहले विकसित देश का दर्जा हासिल करने वाले जापान में साल 2018 में बंदूकों की वजह से 9 लोगों की मौत हुई थी। देश की आबादी 125 मिलियन है और ऐसे में ये आंकड़ा बताने के लिए काफी है कि देश में कानून कितना सख्त है। यहां पर बंदूक का लाइसेंस हासिल करना अपने आप में बहुत मुश्किल है। अगर किसी नागरिक को गन लाइसेंस चाहिए तो पहले उसे किसी शूटिंग एसोसिएशन से मंजूरी हासिल करनी होती है और फिर पुलिस की जांच से गुजरना पड़ता है।