बुलेट बनाने वाली Royal Enfield में लग सकती है इस्तीफों की झड़ी, जानिए क्या है वजह
हाइलाइट्स
- बुलेट बनाने वाली रॉयल एनफील्ड में और लोग दे सकते हैं इस्तीफा
- सीईओ विनोद दसारी ने पिछले महीने कंपनी से इस्तीफा दिया था
- कंपनी में टॉप मैनेजमेंट के कई एग्जीक्यूटिव कह सकते हैं अलविदा
- ईजीएम में फिर रखा जाएगा एमडी की फिर से नियुक्ति का प्रस्ताव
नई दिल्ली
बुलेट मोटरसाइकिल (Bullet motorcycle) बनाने वाली कंपनी रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) में सबकुछ ठीक नहीं है। सीईओ विनोद दसारी (Vinod Dasari) के इस्तीफे के बाद अब टॉप मैनेजमेंट के एग्जीक्यूटिव कंपनी को अलविदा कह सकते हैं। रॉयल एनफील्ड आयशर मोटर्स (Eicher Motors) की एक डिविजन है। सूत्रों के मुताबिक आयशर मोटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) सिद्धार्थ लाल के करीबी और रॉयल एनफील्ड में चीफ कमर्शियल ऑफिसर ललित मलिक इस्तीफा दे चुके हैं।
इंटरसेप्टर (Interceptor), थंडरबर्ड एक्स (Thunderbird X), मीटिऑर (Meteor) और ऑल न्यू क्लासिक (Classic) मोटरसाइकिल्स जैसे अहम मॉडल्स के सफल लॉन्च में अहम भूमिका निभाने वाले ग्लोबल मार्केटिंग हेड शुभ्रांशु सिंह भी नोटिस पीरियड पर चल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वह किसी और कंपनी में बड़ा पद संभालने जा रहे हैं। कंपनी इन दोनों एग्जीक्यूटिव्स को रोकने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है।
कंपनी ने क्या कहा
इस बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। कंपनी इस तरह की अटकलबाजी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है। यह कंपनी की पॉलिसी है। एक के बाद एक इस्तीफों से आयशर के एमडी सिद्धार्थ लाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घटती बिक्री को रोकने के लिए कंपनी अपनी नई प्रीमियम बाइक्स के लॉन्च की तैयारी कर रही है। लेकिन ऐसे अहम समय में कंपनी के सेल्स और मार्केटिंग विभाग के अहम अधिकारी कंपनी छोड़ रहे हैं।
कंपनी कई तरह की परेशानियों का सामना कर रही है। कंपनी के प्रॉडक्ट लॉन्च में देरी हुई है, बिक्री में कमी आई है, लागत बढ़ रही है और माइक्रोचिप्स की कमी के कारण प्रॉडक्शन प्रभावित हुआ है। दसारी ने अगस्त में इस्तीफा दिया था। उससे पहले रॉयल एनफील्ड के नैशनल बिजनस हेड पंकज शर्मा इस्तीफा देकर ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) जॉइन कर ली थी। साथ ही सोर्सिंग और लॉजिस्टिक्स डिपार्टमेंट से भी कई लोगों ने इस्तीफा दिया था।
फिर एमडी बनेंगे सिद्धार्थ लाल
इस हफ्ते आयशर मोटर्स की ईजीएम (extraordinary general meeting) होगी जिसमें शेयरहोल्डर सिद्धार्थ लाल की फिर से नियुक्ति और उनकी सैलरी पर फिर से विचार करेंगे। एजीएम में इसके लिए जरूरी वोट नहीं मिल पाए थे। जून तिमाही में आयशर मोटर्स को 237 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ जबकि एक साल पहले समान तिमाही में उसे 55 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 141 फीसदी की तेजी के साथ 1974 करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल समान तिमाही में 818 करोड़ रुपये रहा था।