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इस रिपोर्ट से मचा भूचाल, एक दिन में गौतम अडानी गंवा बैठे ₹489993000000

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हाइलाइट्स

  • फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर गिरने लगे.
  • अडानी समूह के अधिकांश शेयर गिर रहे हैं.
  • फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक 24 घंटे में उनकी संपत्ति 6.1 अरब डॉलर गिर गई।
नई दिल्ली: साल 2023 की शुरूआत अडानी समूह (Adani Group) के मालिक गौतम अडानी (Gautam adani) के लिए कुछ खास अच्छी नहीं रही है। साल के शुरूआत से ही उनकी संपत्ति गिरती जा रही है। शेयरों में बिकवाली हावी होने के कारण उनके नेटवर्थ में लगातार गिरावट आ रही है। एशिया के सबसे बड़े रईस उद्योगपति गौतम अडानी के नेटवर्थ में इतनी कमी आई कि दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में वो एक पायदान और नीचे खिसक गए थे। हालांकि तीसरे पायदान पर मौजूद जेफ बेसोज के नेटवर्थ में भी गिरावट आई और अडानी फिर से अपने स्थान पर पहुंच गए। फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक उनकी संपत्ति में 6.1 अरब डॉलर यानी 489,99,30,00,000 रुपये का नुकसान हुआ।

 


क्यों गिर रही है संपत्ति

गौतम अडानी की संपत्ति में 6.1 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है। एक दिन में उनकी संपत्ति 489,99,30,00,000 रुपये गिर गई। दरअसल अडानी समूह के शेयरों में गिरावट आई, जिसके कारण उनके नेटवर्थ में भी गिरावट आ रही है। जहां फोर्ब्स की लिस्ट में वो तीसरे नंबर पर हैं तो वहीं ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की लिस्ट में वो चौथे नंबर पर है। फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक उनका नेटवर्थ 120.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है।

लगातार गिर रहे हैं अडानी के शेयर

अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। अडानी द्वारा हाल ही में खरीदे गए अंबुजा सीमेंट का शेयर 9.6 फीसदी तक गिर गए हैं। वहीं अडानी पोर्ट्स के स्टॉक 7.2 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं। इतना ही नहीं कंपनी के अन्य शेयर एसीसी,अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पावर, एनडीटीवी के शेयर 5 फीसदी से अधिक गिर चुके हैं। शेयरों में ये गिरावट एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद आई है।


इस रिपोर्ट ने मचाई खलबली

फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है। इतना ही नहीं रिपोर्ट ने इन कंपनियों के लोन (Adani Group Debt) पर भी सवाल खड़े किए है। रिपोर्ट में दावा किया कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के शेयर लाल निशान पर पहुंच गए। शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली। इससे पहले साल 2022 में फिच ग्रुप की क्रेडिटसाइट्स ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी। हालांकि इस रिपोर्ट को लेकर अडानी समूह की ओर से खंडन किया गया है। उन्होंने कहा कि Hindenburg ने 24 जनवरी 2023 तो रिसर्च जारी की। हमसे बिना संपर्क किए इस रिपोर्ट को जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि हम हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट से हैरान है। उन्होंने हमसे संपर्क करने या अपने फैक्ट को वैरिफाई करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में गलत जानकारी दी गई है। उनकी रिपोर्ट बेसलेस यानी आधारहीन है।

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