कांग्रेस का पीम मोदी पर जोरदार हमला, कहा वायरस तो नहीं दिखता,
हाइलाइट्स:
- कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की कोरोना से निपटने की नीति पर नाराजगी जाहिर की
- जयराम रमेश, राहुल गांधी और पी. चिदंबरम ने पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरा
- रमेश ने सीधे पीएम को निशाने पर लेते हुए कहा कि आपकी नाकामी साफ-साफ झलक रही है
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत 2-2 हजार रुपये की किस्त जारी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल की तकलीफों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज पूरी मानवता का एक अदृश्य शत्रु से मुकाबला है। उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ देश में जारी टीकाकरण अभियान का भी जिक्र किया। इस पर कांग्रेस पार्टी लाल हो गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ट्विटर के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्रियों जयराम रमेश और पी. चिदंबरम ने ट्वीट किए।
जयराम के निशाने पर आए पीएम
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य पर कि “हमारा मुकाबला एक अदृश्य दुश्न से है”, जयराम रमेश ने कहा, “दुश्मन अदृश्य हो सकता है, लेकिन शासन संचालन में आपकी असफलता बिल्कुल साफ झलक रही है।” पीएम ने आज अपने संबोधन में कहा, “बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियो ने सहा है,अनेकों लोग जिस दर्द से गुजरे हैं, तकलीफ से गुजरे हैं वो मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं।”
फिर बरसे राहुल गांधी
वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वैक्सीन पॉलिसी को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र ऐसी गलतियां कर रहा है जिसे भारत झेल नहीं पाएगा। उन्होंने वैक्सीन के वितरण की जिम्मेदारी राज्यों को दिए जाने का सुझाव दिया।
केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति समस्या को और बिगाड़ रही है- जो भारत झेल नहीं सकता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 14, 2021
वैक्सीन की ख़रीद केंद्र को करनी चाहिए और वितरण की ज़िम्मेदारी राज्यों को दी जानी चाहिए।
चिदंबरम ने केंद्र सरकार को घेरा
उधर, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने वैक्सीन की कीमत सुनिश्चित नहीं करने पर नाराजगी जताई और केंद्र सरकार को गरीब विरोधी करार दे दिया। उन्होंने लिखा, “गरीबों को टीका लगवाने के लिए अनिश्चित इंतजार करना होगा। यह केंद्र सरकार के गरीब विरोधी और कॉर्पोरेट हितैषी होने का एक और प्रमाण है। टीकों की एक कीमत तय करने की उसकी अनिच्छा से इसकी पुष्टि होती है। दो कंपनियां बंपर लाभ कमा रही हैं।”
सेंट्रल विस्टा के बहाने तंज
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के हलफनामे का जिक्र करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सरकार कोविड वैक्सीन के उत्पादन में दो भारतीय कंपनियों के एकाधिकार का संरक्षण करना चाहती है। इससे साबित होता है कि सरकार को मांग-आपूर्ति में पैदा हुई खाई की कोई चिंता नहीं है। चिदंबरम ने मुफ्त टीकाकरण पर खर्च की तुलना सेंट्रल विस्टा की लगात से करते हुए पीएम मोदी पर जबर्दस्त कटाक्ष किया है।
18 साल से ऊपर के सभी लोगों के (लगभग 102 करोड़) टीकाकरण के लिए टीकों की लागत 35,000 करोड़ रुपये है।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2021
सेंट्रल विस्टा की लागत 20,000 रुपये है – अधिक भी हो सकता है।
एक व्यक्ति के घमंड की कीमत = भारत की वयस्क आबादी के जीवन के मूल्य का 60 प्रतिशत।
यही है ‘सबका साथ, सबका विकास’
उन्होंने अपना हमला जारी रखते हुए कोविड वैक्सीन के पेटेंट को लेकर सरकार पर ढुलमुल नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार के तीन-तीन चेहरे हैं।
हमने दोहरे चेहरे के बारे में सुना था, लेकिन इस सरकार के तीन चेहरे हैं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2021
चेहरा-1: भारत दक्षिण अफ्रीका से जुड़ कर दुनिया को बताता है कि कोविड टीकों के लिए आईपीआर (पेटेंट अधिकार) को निलंबित किया जाना चाहिए।
ध्यान रहे कि कांग्रेस पार्टी कोविड मैनेजमेंट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा करती रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तो वैक्सीन पर जीएसटी लगाने के फैसले की भी कड़ी आलोचना कर चुके हैं।