बिना छुट्टी कर रही थी लगातार ड्यूटी, मां बनने के हफ्ते भर जंग हार गई डॉक्टर
हाइलाइट्स:
- तेलंगाना में एक युवा महिला चिकित्सक बच्चे को जन्म देने के एक हफ्ते बाद कोरोना से जंग हार गई
- 31 साल की डॉ. फराह निलोफर ने हैदराबाद के पुराने शहर के प्रिंसेस एसरा अस्पताल में दम तोड़ा
- गजवेल में सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में गर्भवती रहते हुए डॉक्टर ने महामारी के दौरान लगातार काम किया
हैदराबाद
तेलंगाना में एक युवा महिला चिकित्सक बच्चे को जन्म देने के एक हफ्ते बाद कोरोना से जंग हार गई। 31 साल की डॉ. फराह निलोफर ने बुधवार को हैदराबाद के पुराने शहर के प्रिंसेस एसरा अस्पताल में वायरस से दम तोड़ दिया। गजवेल में सरकारी क्षेत्र के अस्पताल में डॉक्टर ने महामारी के दौरान लगातार काम किया और अपने दोस्तों और सहयोगियों के सुझावों के बावजूद मैटरनिटी लीव का लाभ नहीं उठाया।
अपने समर्पण के लिए जानी जाने वाली डॉ. फराह आउट पेशेंट (ओपीडी) विभाग में काम कर रही थीं और कोविड टीकाकरण ड्यूटी पर भी थीं। लगभग 10 दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं, जिसके बाद डॉक्टर को हैदराबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉ. फराह ने शादान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमबीबीएस और हैदराबाद के निलोफर अस्पताल से पीडियाट्रिक्स में एमडी किया था।
तीन दिन पहले वेंटिलेटर पर रखा गया था
बाल रोग में सहायक प्रोफेसर गजवेल के एरिया अस्पताल में क्लिनिकल एसोसिएट के रूप में तैनात थीं। युवा डॉक्टर की मौत ने मेडिकल बिरादरी को झकझोर कर रख दिया है। काकतीय मेडियल कॉलेज, वारंगल की प्रोफेसर हेमा बिंदू के अनुसार, डॉ. फराह की कोरोना की वजह से मौत हो गई। तीन दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
तेलंगाना में कोविड से 21 डॉक्टरों की गई जान
हेमा बिंदू ने कहा, ‘वह बहुत प्रतिभाशाली, गतिशील और ऊर्जावान डॉक्टर थीं और एक बहुत ही समर्पित बाल रोग विशेषज्ञ थीं।’ महामारी की दूसरी लहर के दौरान तेलंगाना ने अब तक 21 डॉक्टरों को कोविड से खो दिया है। हेल्थकेयर रिफॉर्म्स डॉक्टर्स एसोसिएशन, विशेष रूप से तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधारों के लिए काम करने वाली एक संस्था ने उन सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए सहायता राशि की मांग की है, जिन्होंने ड्यूटी के दौरान कोविड से दम तोड़ दिया।डॉ. फराह निलोफर (तस्वीर साभार-@ReformsHrda)