किसान के बेटे रमन्ना बनेंगे देश के अगले चीफ जस्टिस, CM जगन के आरोपों से निकले बेदाग
हाइलाइट्स:
- जस्टिस एनवी रमना देश के अगले चीफ जस्टिस बनेंगे
- आंध्र प्रदेश के सीएम ने जस्टिस रमना पर गंभीर आरोप लगाए थे
- सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस जांच के दौरान इन आरोपों को खारिज कर दिया
नई दिल्ली
अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले भारत के मौजूदा चीफ जस्टिस ने देश के अगले चीफ जस्टिस के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के मोस्ट सीनियर जज जस्टिस एनवी रमना का नाम आगे बढ़ाया है। उन्होंने केंद्र सरकार के पास इसकी सिफारिश भेजी है। रमना पर आंध्र प्रदेश के सीएम की ओर से लगाए गए आरोपों को पैनल की ओर से खारिज कर दिया गया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में जस्टिस रमना को चीफ जस्टिस के लिए सबसे उपयुक्त बताया।आंध्र के सीएम ने लगाए थे गंभीर आरोप
दरअसल, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एनवी रमना के खिलाफ चीफ जस्टिस एसए बोबडे से शिकायत की थी। रेड्डी ने अपनी शिकायत में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में नबंर 2 जज एन.वी.रमन्ना, पूर्व सीएम चंद्रबाबू संग मिलकर सरकार गिराने के प्रयास कर रहे हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन-हाउस जांच के बाद आंध्र प्रदेश के सीएम की शिकायत को खारिज कर दिया और इन आरोपों को झूठा, तुच्छ, आधारहीन, गलत और न्यायपालिका को ‘धमकाने’ का प्रयास बताया।
क्या था जगन मोहन रेड्डी के आरोपों में?
आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाते हुए CJI जस्टिस बोबडे को पत्र में लिखा था कि जस्टिस रमन्ना की बेटियां जमीन की खरीद-फरोख्त में शामिल रहीं और उन्होंने पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू से जुड़े मामलों में सुनवाई प्रभावित की। जगन मोहन रेड्डी ने पत्र में लिखा था कि जस्टिस रमना का आंध्र प्रदेश जूडिशरी पर खासा प्रभाव है और इसकी वजह से हमारी सरकार के खिलाफ आदेश पारित किए जा रहे हैं।
देश के 48वें CJI बनेंगे जस्टिस रमना
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। कानून मंत्रालय को भेजी चिट्ठी में उन्होंने जस्टिस रमना को 24 अप्रैल से देश के 48वें CJI के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की है। यानी जस्टिस रमना 24 अप्रैल को देश के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेंगे। वह आंध्र प्रदेश से पहले शख्स हैं जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का पद संभालेंगे। हालांकि तेलुगू की बात करें तो वह दूसरे होंगे क्योंकि उनसे पहले के सुब्बा राव सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। सुब्बा राव 30 जून 1966 को चीफ जस्टिस बने थे।
किसान परिवार में हुआ था जन्म
जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को एक आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। 10 फरवरी 1983 को उन्होंने एक वकील के तौर पर अपना नामांकन कराया था और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। उनको 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया था। 2 सिंतबर 2013 को उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया और 17 फरवरी 2014 को वह सुप्रीम कोर्ट में जज बने। एनवी रमना चीफ जस्टिस एस बोबडे के बाद सबसे सीनियर जज हैं।
सबसे सीनियर जज बनते हैं CJI
नियमों के अनुसार, सबसे सीनियर जज को प्रधान न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाता है। कानून मंत्री सही वक्त पर वर्तमान सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगते हैं। सीजेआई से सिफारिशी चिट्ठी मिलने के बाद मंत्री इसे प्रधानमंत्री के सामने रखते हैं जो नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति को सलाह देते हैं।