यशपाल शर्मा, 83 की वर्ल्ड चैंपियन टीम का हीरो जिसके न होने का गम हर आंख में ला रह आंसू
- साथी खिलाड़ी को याद कर रोए 83 विश्व विजेता टीम के चैंपियन
- 1983 वर्ल्ड कप जीत में यशपाल शर्मा ने मुख्य भूमिका निभाई थी
- यशपाल शर्मा का निधन जुलाई में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था
कपिल देव (Kapil Dev) की अगुआई वाली भारतीय क्रिकेट टीम 1983 में जब पहली बार विश्व विजेता बनी थी, उसमें दिवंगत यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma) की अहम भूमिका रही थी। याद कीजिए उस ऐतिहासिक दौरे को जब उस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने यशपाल शर्मा के बूते ही वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत के साथ शुरुआत की थी। जब वह क्रीज पर उतरे तो टीम का स्कोर 3 विकेट पर 76 रन था जो जल्द ही 5 विकेट पर 141 रन हो गया।
शर्मा ने 120 गेंद पर 89 रन की पारी खेली। उन्होंने अच्छे शॉट तो लगाए ही साथ ही विकेट के बीच अच्छी दौड़ भी लगाई। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेखौफ 40 रन हों या फिर इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल हालात में खेली गई 61 रन की पारी। यशपाल नेटूर्नामेंट में 34.28 के औसत से 240 रन बटोरे थे।
जब यशपाल शर्मा की बात आई तो कपिल देव सहित, सैयद किरमानी (Syed Kirmani) और कीर्ति आजाद भावुक हो गए। सभी ने फिल्म के दौरान एक मिनट का मौन भी रखा। इस फिल्म में यशपाल शर्मा का किरदार जतिन सरना ने निभाई है। भारतीय वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ियों पर बनीं यह फिल्म आज (24 दिसंबर) रिलीज हो गई। फिल्म 83 के निर्देशक हैं कबीर खान (Kabir Khan)। रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं।
यशपाल शर्मा का निधन 13 जुलाई 2021 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। शर्मा अपने खेल के कारण तो मशहूर हुए ही थे, एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया था कि उनके करियर में बॉलिवुड के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार भी काफी सहयोग रहा था।
दिलीप कुमार के फैन थे यशपाल शर्मा
यशपाल ने खुलासा किया था कि दिलीप कुमार ने ही उनका नाम एक बड़े क्रिकेट सिलेक्टर को सुझाया था। दिलीप कुमार की सलाह पर ही यशपाल शर्मा को इंडियन टीम में जगह मिली थी। यशपाल शर्मा ने कहा कि उन्हें अच्छी तरह याद है कि किस तरह दिलीप कुमार ने उनके नाम की सिफारशि राज सिंह डूंगरपुर से की थी। इसके बाद यशपाल शर्मा को टीम में खेलने का मौका मिला और उनकी जिंदगी बदल गई।
यशपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला शतक सातवें मैच में लगाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दिल्ली में शतक जड़ा था। उसके अगले साल उन्होंने कोलकाता के ईडन गार्डंस में शानदार पारी खेली। उन्होंने भारत को मैच लगभग जितवा ही दिया था। भारतीय टीम को जीत के लिए 247 रन की जरूरत थी। शर्मा ने 117 गेंद पर 85 रन बनाए थे। तभी खराब रोशनी की वजह से खेल रुक गया। भारतीय टीम का स्कोर उस समय चार विकेट पर 200 रन था।
यशपाल शर्मा साल 2003 से 2006 तक भारतीय टीम के सिलेक्टर रहे। यह भारतीय क्रिकेट के लिए थोड़ा अजीब वक्त था। उन्होंने तब टीम के कोच ग्रेग चैपल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी और सौरभ गांगुली का समर्थन किया था। साल 2008 में वह दोबारा सिलेक्टर बने। वह उत्तर प्रदेश की रणजी टीम के कोच भी रहेय़
37 टेस्ट में 1600 से अधिक रन बनाए
यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचों में 1606 रन बनाए। उनका अधिकतम स्कोर 140 रहा और औसत 33.45 रन था। वनडे क्रिकेट में यशपाल शर्मा ने 42 मैचों में 28.48 के औसत से 883 रन बनाए थे।