Budget Income Tax : 7 लाख टैक्स फ्री तो नए टैक्स सिस्टम में फायदा या पुराने में, पूरा गणित समझ लीजिए
हाइलाइट्स
- बजट 2023 में 7 लाख तक आय टैक्स फ्री
- नई कर व्यवस्था को ़डिफॉल्ट किया गया
- एक्सपर्ट भी नई व्यवस्था को लाभकारी बता रहे
7 लाख से ज्यादा आय तो… नया टैक्स सिस्टम समझिए
आय | टैक्स |
3-6 लाख | 5 फीसदी |
6-9 लाख | 10 फीसदी |
9-12 लाख | 15 फीसदी |
12-15 लाख | 20 फीसदी |
15 लाख से ऊपर | 30 फीसदी |
नई कर व्यवस्था
- नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स स्लैब के तहत 3 लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं।
- 3 से 6 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12-15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% कर लगेगा।
लोगों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर आमदनी सात लाख रुपये है तो क्या फायदा और क्या नुकसान होगा। टैक्स एक्सपर्ट विनोद जैन का कहना है कि नई कर प्रणाली में सभी टैक्सपेयर्स को फायदा ही होने वाला है। आपने 80सी में जो पैसा जमा कराया या मेडिकल स्कीम ली, उसकी डिडक्शन ओल्ड रेजीम में मिलती है। लेकिन वहां टैक्स के रेट बहुत ज्यादा है। जैसे ही 5 लाख क्रॉस करते हैं आपका 20 पर्सेंट का टैक्स है। जैसे ही आप 10 लाख पार करते हैं, 30 पर्सेंट का टैक्स रेट है। जबकि नई प्रणाली में 15 लाख से ऊपर जाने पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। हायर स्लैब में पहले भी फायदा नहीं था। पुरानी स्कीम में 15 लाख से नीचे वालों को ही फायदा था।
पुरानी कर प्रणाली (7 लाख से ज्यादा)
आय | टैक्स |
3 लाख (2.5 लाख+50 हजार स्टैंडर्ड डिडक्शन) | 0 |
6 लाख तक | 15,000 |
9 लाख तक | 15 हजार + 30 हजार |
12 लाख तक | 45 हजार + 45 हजार |
15 लाख तक | 90 हजार + 60 हजार |
15 लाख से ज्यादा | 1.5 लाख + बाकी आय का 30% |
पुरानी कर व्यवस्था
- ढाई लाख रुपये की इनकम पर शून्य आयकर लगेगा।
- ढाई लाख से पांच लाख रुपये की आय पर 5%, 5 से 10 लाख रुपये की आय पर 20% और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर कर 30% कर लगेगा।
एक्सपर्ट कहते हैं कि मान लीजिए आपकी 50 लाख इनकम है तो 15 लाख तक डेढ़ लाख रुपये लगे, बाकी 35 लाख पर 30 प्रतिशत लगेगा। इस तरह से देखें तो आपका 12 लाख रुपये टैक्स होता है।
सरकार ने साफ कहा है कि आप नई रेजीम में अपने आप शिफ्ट हो जाएंगे। अगर आप शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं तो आपको एक फॉर्म भरना पड़ेगा। सरकार को लगता है कि नई स्कीम का फायदा सब लोग लेंगे, इसलिए इसे डफॉल्ट स्कीम कर दिया गया है। हो सकता है कंपनीज में ओल्ड स्कीम ही चले।
यह पूछे जाने पर कौन से लोग पुरानी स्कीम के तहत टैक्स देना चाहेंगे, एक्सपर्ट विनोद जैन ने कहा कि ज्यादातर कंपनीज पुरानी स्कीम में जाएंगी, जिन्होंने मैट के ऊपर, बुक प्रॉफिट पर टैक्स दे रखा है और वह कैरी फॉरवर्ड हो रहा है। उसका फायदा लेने के लिए पुरानी स्कीम में ही रहना होगा। यह सीमा करीब 10 साल होती है। इसके तहत किसी का 10 करोड़, 20 करोड़ रुपये प्री-पेड टैक्स के तहत पड़ा है। उसे पुरानी प्रणाली में ही जाना होगा। बजट में कॉर्पोरेट्स के लिए टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।