Gujarat

पति मौत के मुहाने पर, उसके स्पर्म से मां बनना चाहती है पत्नी, HC ने दी इजाजत

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अहमदाबाद. गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High court) ने एक पत्नी ने याचिका दायर कर पति का स्पर्म सुरक्षित करने की मांग की. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस बाबत अनुमति दे दी है. दरअसल, महिला का पति इस साल मई में कोरोना संक्रमित (Coronavirus In India) हुआ था. वह तब से वेंटिलेटर पर हैं.  बीते दिनों डॉक्टरों ने यह जानकारी दी थी कि शख्स के पास सिर्फ 3 दिन है. जिसके बाद परिवार सकते में आ गया और हाईकोर्ट में पत्नी ने यह याचिका दाखिल की. मिली जानकारी के अनुसार पत्नी ने कोर्ट से कहा- ‘मैं अपने पति के स्पर्म से मां बनने का सुख पाना चाहती हूं. लेकिन मेडिकल लॉ इसकी परमिशन नहीं देता. हम दोनों के प्यार की अंतिम निशानी के तौर पर पति का स्पर्म दिलाया जाए. मेरे पति के पास बहुत कम वक्त है. वह दो माह से वेंटिलेटर पर हैं.’ अदालत ने पत्नी की याचिका पर स्पर्म लेने की अनुमति दे दी है.

हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पत्नी ने कहा- हम दोनों की शादी बीते साल अक्टूबर में हुई कनाडा में चार साल पहले एक दूसरे से संपर्क में आए और वहीं शादी भी की. चार महीने बाद यानी फरवरी 2021 में ससुर को हार्ट अटैक आया. जिसके बाद हम भारत आ गए. यहां मई में पति को कोरोना हो गया. उनके फेफड़े पूरी संक्रमित होने के बाद एकदम निष्क्रिय हो गए हैं. वह दो महीने से वेंटिलेटर पर हैं तीन दिन पहले डॉक्टर्स ने परिजनों को बताया कि पति की तबीयत में सुधार होने की कोई संभावना नहीं है. उनके पास सिर्फ तीन दिन का वक्त है.’

‘पति के पास सिर्फ 24 घंटे का वक्त’
रिपोर्ट के अनुसार पत्नी ने कहा- ‘इसके बाद मैंने डॉक्टर्स से कहा कि मैं अपने पति के स्पर्म से मां बनना चाहती हूं लेकिन उन्होंने कहा पति की अनुमति के बिना स्पर्म सैंपल नहीं ले सकते हैं. मैंने हार नहीं मानी और मेरे सास-ससुर का भी मुझे साथ मिला. हम तीनों हाईकोर्ट पहुंचे. हाईकोर्ट में जाने की तैयारी के दौरान ही हमें बताया गया कि पति के पास सिर्फ 24 घंटे का वक्त है.’

पत्नी ने कहा ‘हमने सोमवार को याचिका लगाई. मंगलवार को याचिका बेंच के सामने पहुंची. 15 मिनट बाद ही कोर्ट ने फैसला दे दिया. हालांकि अस्पताल का कहना है कि वह अभी फैसला की स्टडी कर रहे हैं.’ अदालत ने मरीज के स्पर्म कलेक्ट करने की अनुमति दी और अस्पताल को इसे संरक्षित करने का आदेश दिया. हालांकि अदालत ने अगले आदेश तक आर्टिफिशियल इन्सेमनैशन की अनुमति नहीं दी है. अदालत गुरुवार को मामले की फिर से सुनवाई कर सकती है.

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