चन्नी के भाई की नौकरी भी गई, टिकट भी न मिला, अब निर्दलीय ठोंकेंगे ताल
हाइलाइट्स
- पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है
- चन्नी के भाई खुद कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं
- चन्नी बस्सी पठाना से अपने भाई डॉ. मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिलवा सके
नई दिल्ली/पंजाब
क्रिकेट की तरह राजनीति भी अनिश्चताओं का खेल बन चुका है। कब क्या हो जाए पता नहीं चलता। पंजाब के नए नवेले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपने भाई को टिकट दिलाना चाहते थे मगर वो असहाय नजर आए। वो अपने भाई के लिए कांग्रेस ने टिकट नहीं ले पाए। अब उनके भाई ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
चन्नी के सामने नई मुसीबत
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। पंजाब राजनीति के जानकारों की मानें तो टिकट बंटवारे में सबसे ज्यादा नवजोत सिंह सिद्धु की चली है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की पहली लिस्ट आने के बाद पंजाब के मनसा, मोगा, मलोट और बस्सी पठाना सहित कई विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं में असंतोष है। लेकिन अब तो चन्नी के भाई खुद कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में क्या चन्नी अपने भाई के लिए वोट मांगेंगे कि नहीं।
नौकरी भी गई, टिकट भी न नसीब हुआ
चन्नी बस्सी पठाना से अपने भाई डॉ. मनोहर सिंह को टिकट नहीं दिलवा सके हैं। उन्होंने हाल ही में वीआरएस भी ले ली थी। आदमपुर से सीएम खुद या फिर रिश्तेदार मोहिंदर केपी को टिकट दिलाना चाहते थे, लेकिन वहां भी सिद्धू की इच्छा के मुताबिक सुखविंदर कोटली को टिकट दिया गया। छह दिन बीजेपी में रहकर लौटे लाडी पर भी भरोसा नहीं जताया गया। अबोहर से कांग्रेस के दिग्गज सुनील जाखड़ चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहां से उनके भतीजे संदीप जाखड़ को टिकट दिया गया है। पटियाला रूरल से मौजूदा मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा की जगह उनके बेटे मोहित मोहिंदरा को टिकट दिया गया है।
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नवजोत सिंह सिद्धू की चली
पंजाब कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गई प्रत्याशियों की पहली सूची में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू हावी रहे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की ज्यादा नहीं चल पाई। पार्टी ने 117 में से 86 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। किसी प्रकार के विवाद को रोकने के लिए कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के करीबियों को भी टिकट दे दी है। पहली सूची में 4 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं।
कांग्रेस ने बागियों को साधा
पहली लिस्ट में ही सिद्धू, सीएम चन्नी, सांसद प्रताप बाजवा, पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल समेत सभी मंत्रियों और विधायकों की सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए हैं। सिद्धू ने सुल्तानपुर लोधी से मंत्री राणा गुरजीत के विरोधी नवतेज चीमा, बस्सी पठाना से सीएम चन्नी के भाई की जगह गुरप्रीत जीपी, रायकोट से आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक जगतार जग्गा की जगह कामिल अमर सिंह और बठिंडा ग्रामीण से वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के विरोधी हरविंदर लाडी को टिकट दिलवाया है।
सोनू सूद की बहन को मिला टिकट
कांग्रेस ने मोगा सीट से विधायक हरजोत कमल की टिकट काटकर बॉलीवुड स्टार सोनू सूद की बहन मालविका सूद को टिकट दिया है। इसी तरह मानसा में तमाम अवरोधों के बावजूद विवादित सिंगर सिद्धू मूसेवाला को चुनाव मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस के भीतर रहकर ही सिद्धू का विरोध करने वाले मंत्री राणा गुरजीत सिंह को फिर कपूरथला से पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है। पिछले कुछ दिनों से वह लगातार सिद्धू के रवैये को लेकर सवाल उठा रहे थे।
कैप्टन के करीबियों को दिया गया टिकट
मलोट से मौजूदा विधायक और पंजाब विधानसभा में डिप्टी स्पीकर अजैब सिंह भट्टी की जगह आम आदमी पार्टी छोड़ आई रुपिंदर कौर रूबी को टिकट दिया गया है। रूबी इससे पहले बठिंडा ग्रामीण से आप की टिकट पर विधायक थीं। बल्लुआना से विधायक नाथूराम की टिकट काटा गया है। उनकी जगह राजिंदर कौर को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर का करीबी होने की वजह से जिन नेताओं का मंत्रीपद छीना था, उन्हें फिर से टिकट दे दिया गया है। उनमें रामपुरा फूल से गुरप्रीत कांगड़, मोहाली से बलबीर सिद्धू, होशियारपुर से शाम सुंदर अरोड़ा, नाभा से साधु सिंह धर्मसोत के अलावा कैप्टन के सलाहकार रहे कैप्टन संदीप संधू को कांग्रेस ने टिकट दिया है।