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राजस्थान: बूंदी के ‘राजा’ पर क्यों छिड़ गया है संग्राम, क्या है पूरा मामला समझिए

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हाइलाइट्स

  • राजपूत समाज ने बूंदी रियासत के उत्तराधिकारी के रूप में ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाडा को चुना
  • जबकि दूसरा पक्ष वंशवर्धन सिंह को बनाना चाहता है बूंदी का उत्तराधिकारी
  • जिला क्षत्रिय शिक्षा प्रचारिणी ने जताई समाज के दो पक्षों में टकराव की चिंता

बूंदी

राजस्थान की बूंदी रियासत के उत्तराधिकारी को लेकर राजपूत समाज ने 26वें राजा के रूप में ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाडा पर सहमति जताई है। और उन्हें ही बूंदी का राजा माना है। जिनकी पाग दस्तूर का कार्यक्रम 12 दिसंबर रविवार को रखा गया है। इधर, बूंदी रियासत के वंशज पक्षधर वंशवर्धन सिंह को बूंदी रियासत का उत्तराधिकारी राजा मान रहे हैं। ऐसे में एक ही रियासत के दो उत्तराधिकारी सामने आने पर जिला क्षत्रिय प्रचारिणी शिक्षा समिति ने चिंता व्यक्त की है। साथ ही इससे राजपूत समाज में टकराव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जताई है। समिति ने अलवर और कोटा राजघराने पर बूंदी रियासत का उत्तराधिकारी बनाए जाने का निर्णय छोड़ा है।

बूंदी के हाड़ा राजपूतों ने रियासत के अंतिम राजा के पुत्र और उत्तराधिकारी रंजीत सिंह के बाद 26वें ‘राजा’ का चयन कर लिया है। समाज ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाडा को समुदाय का मुखिया बनाने पर अड़ा है। रविवार को बूंदी के रंगनाथजी मंदिर में पाग पहनाने का कार्यक्रम रखा हैं। ब्रिगेडियर हाडा शौर्य चक्र से सम्मानित हैं। साल 1999 में आतंकवाद विरोधी अभियान और 2019 में सियाचिन ग्लेशियर ई क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए उन्हें विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा गया था। राजपूत उन्हें अब बूंदी का राजा चुन लिया हैं। भूपेश सिंह हाड़ा सियाचिन ब्रिगेड की कमान संभाली है। वो एनएसजी कमांडर थे, माउंट एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से को फतह किया था। और वह एक पैराट्रूपर और सैन्य गोताखोर भी रहे हैं।

बूंदी पूर्व रियासत हैं, जिसका साल 1948 में भारत में विलय हो गया था। कर्नल महाराव राजा बहादुर सिंह का जनवरी 2010 में निधन हुआ था। वे निःसंतान थे। इसके बाद से उत्तराधिकारी को लेकर विवाद चल रहा है। अब एक पक्ष की ओर से भूपेश सिंह हाडा और दूसरे पक्ष की ओर से वंशवर्धन सिंह को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही जा रही है।

इसी बीच राजपूत समाज ने भूपेश सिंह हाडा को 12 दिसंबर को उत्तराधिकारी घोषित करने का कार्यक्रम तय किया है। हालांकि दूसरे पक्ष की ओर से इस पाग कार्यक्रम को टालने के लिए जिला क्षत्रिय शिक्षा प्रचारिणी समिति के अपील की गई है। उधर, बूंदी रियासत के उत्तराधिकारी बनाने के मामले में गुर्जर समाज भी सामने आया है। समाज के जिला अध्यक्ष देवलाल चांदना ने बयान जारी करते हुए बूंदी का असली हकदार उत्तराधिकारी वंशवर्धन सिंह को बताया है।

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