छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं चाहे कितने ताकतवर क्यों न हो- राजनाथ सिंह ने दी चेतावनी
हाइलाइट्स
- राजनाथ ने भारत पर आंख उठाने वालों को दिया है कड़ा संदेश
- पाकिस्तान को आतंक का साथ पूरी तरह छोड़ने की दी नसीहत
- चीन पर बड़ा हमला, वर्ष 2014 के बाद हमने बदल दी है नीति
- विपक्ष पर हमला, सेना के शौर्य पर सवाल करने से होता है दुख
लखनऊ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के रजत जयंती समारोह में दुश्मन देशों पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जगत में हाल के वर्षों में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। धीरे-धीरे हम यह संदेश देने में सफल हुए है कि अगर कोई भी देश भारत के खिलाफ कोई भी साजिश करता है तो भारत उसे नहीं बख्शेगा। उन्होंने कहा कि भारत को कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा नहीं, भले ही वह देश कितना भी कितना भी ताकतवर क्यों न हो।
रक्षा मंत्री का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन की पीएलए और भारतीय सेना आमने-सामने खड़ी दिख रही है। वहीं, पाकिस्तान के साथ भी भारत के रिश्ते मधुर नहीं हैं। राजनाथ सिंह ने अपने बयान से सभी विरोधियों को साथ जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि लोगों के अंदर भी भरोसा आया है कि दुनिया के ताकतवर देशों को भी साजिश का जवाब देने में हम सक्षम हैं।
हमें अपने सैनिकों पर गर्व
पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि लोग इतिहास पढ़ते हैं। भारतीय सैनिकों ने वर्ष 1971 के युद्ध में इतिहास रच दिया। हमें अपने सभी सैनिकों पर गर्व है। पाकिस्तान की वर्ष 1971 की लड़ाई में हार को निर्णायक बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इससे हमने दुनिया को बताया कि भारत और पाकिस्तान की तुलना नहीं की जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वर्ष 1971 में यह संदेश गया।
दुनिया में बढ़ी है भारत की प्रतिष्ठा
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर आज के भारत की बात करें तो इसे दुनिया के सबसे मजबूत देशों में एक माना जाता है। इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता कि वैश्विक समुदाय में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। पहले भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिस नजरिए से देखा जाता था, उसमें बहुत बड़ा बदलाव आया है। यह सब लोगों को समझना चाहिए।
आतंकवाद से लड़ने में हम भी सक्षम
राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मामले में कहा कि लोग मानते थे, आतंकवाद से लड़ने की ताकत केवल अमेरिका व इजराइल के पास है। लेकिन, अब हालात बदल चुके हैं। आज दुनिया मानने लगी है कि भारत के पास भी आतंकवाद से लड़ने की ताकत है। हमने सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। हमने उनकी धरती पर जाकर आतंकवादियों का सफाया किया। इसने लोगों की सोच बदल दी है।
पाकिस्तान को छोड़ना पड़ेगा आतंकवाद का साथ
रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 1971 की सीधी लड़ाई हो या वर्ष 1999 का कारगिल युद्ध हो, पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। इन लड़ाई को हारने वाले पाकिस्तान का अब आतंकवाद से अपने संबंध तोड़ने ही पड़ेंगे। यह बात साफ हो गई है। समारोह में राजनाथ ने कहा कि रक्षा मंत्री के रूप में मैं आपको बताता हूं कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को पनाह नहीं देने की घोषणा की है।
चीन का बिना नाम लिए हमला
राजनाथ सिंह ने बिना चीन का नाम लिए हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारा एक पड़ोसी है, जिसने ठान रखा है कि विश्व में कोई भी हो, उसके साथ हमें मनमानी करनी है। कई देशों ने उनकी नीतियों का विरोध नहीं किया है, जबकि करना चाहिए था। भारत की भी वर्ष 2014 से पहले यही स्थिति थी, लेकिन इसके बाद हमने अपनी नीति बदली है। हमारी सेना के जवानों ने भी उस पड़ोसी को जो संदेश देना चाहिए, वह संदेश दिया है।
सेना के हर फैसले के साथ हम साथ
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम अपने सशस्त्र बलों के हाथ कभी नहीं बांधेंगे। सेना को हर फैसले लेने की छूट दी गई है। वे जो निर्णय लेते हैं। हम उनके फैसले के साथ खड़े होंगे, चाहे कुछ भी हो। मैं यह रक्षा मंत्री के रूप में कहता हूं। अगर अनजाने में कोई फैसला गलत भी होता जाता है तो हम अपने जवानों के साथ खड़े होंगे।
विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल सेना के शौर्य व पराक्रंम पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। इसका हमें दुख है। उन्होंने कहा कि परिणाम की चिंता किए बिना हमने सेना को पूरी छूट दी है। हमने कभी भी सेना का हाथ बांधने की कोशिश नहीं की है।