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कैलिबर, इस्‍कंदर बनाम स्टिंगर, जेवलिन… यूक्रेन की जंग में तबाही मचा रही हैं ये मिसाइलें

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हाइलाइट्स

  • रूस और यूक्रेन की सेना के बीच भीषण युद्ध लगातार दूसरे दिन भी जारी है
  • रूस ने यूक्रेन के सैन्‍य ठिकानों पर कई तरह के रॉकेट, मिसाइलों से हमला किया
  • इस बीच अब यूक्रेन ने भी अपनी मिसाइलों से जोरदार पलटवार किया है

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रूस और यूक्रेन की सेना के बीच भीषण युद्ध लगातार दूसरे दिन भी जारी है। रूस की सेना ने गुरुवार को यूक्रेन के सैन्‍य ठिकानों पर कई तरह के रॉकेट, क्रूज और बलिस्टिक मिसाइलों से भीषण हमला किया। इस दौरान यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्‍टम, रनवे, हथियारों के गोदाम और एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया। इस बीच अब यूक्रेन ने भी अपनी मिसाइलों से जोरदार पलटवार किया है। आइए समझते हैं यूक्रेन में कैसे रूस बनाम पश्चिमी देशों के हथियारों के बीच भीषण लड़ाई जारी है।

विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस तबाही मचाने वाला स्‍मर्च रॉकेट सिस्‍टम इस्‍तेमाल कर रहा है। यह वही रॉकेट सिस्‍टम है जिसका इस्‍तेमाल भारतीय सेना करती है। प्रत्‍येक स्‍मर्च रॉकेट सिस्‍टम ट्रक पर रखा जाता है और यह मात्र 38 सेकंड में 12 रॉकेट फायर कर सकता है। भारतीय सेना के पास मौजूद स्‍मर्च रॉकेट 90 किमी तक मार कर सकते हैं, वहीं रूसी रॉकेट की क्षमता और ज्‍यादा मानी जाती है।

उर्गान मल्‍टी रॉकेट लॉन्‍चर सिस्‍टम का इस्‍तेमाल
प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक रूस उर्गान मल्‍टी रॉकेट लॉन्‍चर सिस्‍टम का इस्‍तेमाल कर रही है जिसमें प्रत्‍येक यूनिट में 16 ट्यूब होते हैं लेकिन इस रेंज स्‍मर्च की तुलना में आधी है। भारतीय रक्षा सूत्रों का कहना है कि रूस कई तरह की मिसाइलों का इस्‍तेमाल कर रहा है जिसमें प्रमुख तौर पर सबमरीन और जंगी जहाज से लॉन्‍च की जाने वाली कैलिबर क्रूज मिसाइल और इस्‍कंदर मिसाइल का इस्‍तेमाल कर रही है। सूत्रों के मुताबिक कैलिबर क्रूज मिसाइल रूस की पसंदीदा है जिसे उसने साल 2015 में सीरिया में भी इस्‍तेमाल किया था।

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जेवलिन मिसाइलों से यूक्रेन की सेना दे रही है जवाब

सूत्रों ने कहा कि इस मिसाइल को 2500 किमी की दूरी से भी दागा जा सकता है। इसके अलावा रूसी सेना इस्‍कंदर मिसाइल का भी इस्‍तेमाल कर रही है जिसकी रेंज 300 से लेकर 400 किमी तक है। ये मिसाइलें अत्‍याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को भी भेदने में सक्षम हैं। यही नहीं यह बीच में ही अपना मार्ग बदलने में सक्षम है। इससे पहले यूक्रेन ने बताया था कि रूस ने 36 इस्‍कंदर मिसाइलों को यूक्रेन की सीमा पर तैनात किया है। इसके अलावा कई फाइटर जेट और लड़ाकू हेलिकॉप्‍टर भी यूक्रेन में बमबारी कर रहे हैं।

जेवलिन और स्टिंगर मिसाइलों से यूक्रेन दे रहा जवाब
रूस के हमले के जवाब में अब यूक्रेन की सेना भी जोरदार जवाब दे रही है। यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के दर्जनों टैंकों को तबाह कर दिया है। माना जा रहा है कि यूक्रेन की सेना अमेरिका के दिए 300 एंटी टैंक जेवलिन मिसाइलों का इस्‍तेमाल कर रही है। ये मिसाइलें मैन पोर्टेबल हैं। इन्‍हें यूक्रेनी सैनिक कंधों पर रखकर फायर कर सकते हैं। जेवलिन मिसाइलों को आर्मर्ड व्हीकल, टैंक और बंकरों को उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। युद्ध की स्थिति में ये मिसाइलें रूसी सेना के लिए बड़ी परेशानी पैदा कर सकती हैं। यह मिसाइल अपने लक्ष्य को साधने के लिए इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल करती है। इस मिसाइल को टैंकों के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है। जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल बिल्डिंगों और दुश्मन के अड्डों को उड़ाने के लिए भी किया जाता है।

यूक्रेन को रूस के फाइटर जेट और हेलिकॉप्‍टरों से निपटने के लिए अमेरिकी स्टिंगर मिसाइलें भी दी गई हैं। यह मिसाइल हवा में उड़ते लो फ्लाइंग ड्रोन और हेलीकॉप्टर को को मार गिराने में सक्षम है। स्टिंगर मिसाइलों को भी कंधे पर रखकर आसानी से फायर किया जा सकता है। इससे पहले सोवियत संघ के खिलाफ अफगानिस्‍तान में तालिबान‍ियों ने स्टिंगर मिसाइल का जोरदार इस्‍तेमाल किया था। इन मिसाइलों को अमेरिका ने दिया था और उन्‍हें चलाने का तरीका आईएसआई के दो कमांडरों ने सीखाया था। इन मिसाइलों ने सोवियत सेना को तबाह करके रख दिया था। इस मिसाइल के इस्‍तेमाल से रूसी वायु सेना के परखच्चे उड़ गए थे।

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