बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह: पीएम के बयान पर थरूर – फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे मोदी
हाइलाइट्स:
- बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती में हिस्सा लेने बांग्लादेश के दौरे पर गए हैं पीएम मोदी
- मोदी बोले – मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था
- भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय बोले – हां, वह इसका हिस्सा थे
नई दिल्ली
कांग्रेस और भाजपा के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी को लेकर बहस छिड़ गई, जिसमें प्रधानमंत्री ने ‘‘बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह’’ करने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर ढाका में आयोजित मुख्य समारोह में वर्ष 1971 के युद्ध को याद किया।
बांग्लादेश की आजादी के मैंने सत्याग्रह किया
पीएम मोदी ने कहा कि यहां पाकिस्तान की सेना ने जो जघन्य अपराध और अत्याचार किए, उनकी तस्वीरें विचलित करती थीं और भारत में लोगों को कई-कई दिन तक सोने नहीं देती थीं। मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।’’
थरूर के साथ ही जयराम रमेश ने कसा तंज
प्रधानमंत्री की टिप्पणी का हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय ज्ञान : हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय ‘फर्जी खबर’ का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।’’ कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी निशाना साधते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘‘संपूर्ण राजनीतिक विज्ञान’’ करार दिया।
बचाव में उतरा भाजपा का आईटी सेल
इस पर पलटवार करते हुए भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘‘ क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश को पहचान दिलाने के लिए जन संघ द्वारा आयोजित सत्याग्रह का हिस्सा थे, हां, वह इसका हिस्सा थे।’’