कोरोना ने छीन लिए यूनिवर्सिटीज के ये बड़े नाम 35 प्रोफेसर्स की गई जान
हाइलाइट्स:
- जामिया के प्रोफेसर रिजवान कैसर और नबिला सादिक ने गंवाई जान
- जेएनयू में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार विजेता प्रोफेसर का देहांत
- देशबंधु कॉलेज और आरएलए कॉलेज के दो-दो प्रोफेसर की हुई मौत
नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन ऑफ एग्जामिनेशन विनय गुप्ता की कोरोना से मौत हो गई। इसके तुरंत बाद उनके पिता ने भी कोरोना संक्रमण के बाद दम तोड़ दिया। जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व डीन ऑफ एडमिशन और बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर दीपक गौर भी कोरोना का शिकार हो गए। दिल्ली में विभिन्न यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर के लिए कोरोना बहुत भारी पड़ा है। कोरोना से दिल्ली यूनिवर्सिटी के 35, जेएनयू के दो, जामिया मिलिया इस्लामिया के पांच प्रोफेसर की जान जा चुकी है। जबकि कई लोग अभी संक्रमण से उबर रहे हैं।
कोरोना महामारी ने विनय गुप्ता के अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटीज के कई दिग्गजों को भी अपना शिकार बनाया है। इनमें पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट प्रमुख वीना कुकरेजा भी शामिल हैं। 65 वर्षीय कुकरेजा कोरोना संक्रमित होने के बाद 27 अप्रैल से 13 मई तक अस्पताल में एडमिट रहीं। हालांकि, उन्हें आईसीयू से बाहर शिफ्ट कर दिया गया था। साथी प्रोफेसर बिपिन तिवारी के अनुसार आखिरकार वह संक्रमण से उबर नहीं पाईं। कुकरेजा के अलावा जॉइंट रजिस्ट्रार सुधीर शर्मा की भी कोरोना से मौत हो गई।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध कई कॉलेजों के टीचर्स भी कोरोना का शिकार हो चुके हैं। आर्यभट्ट कॉलेज में साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के टीचर रविभूषण, देशबंधु कॉलेज में मैथमैटिक्स डिपार्टमेंट के चंद्र शेखर भी कोरोना को मात नहीं दे सके। आर्यभट्ट कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज सिन्हा ने बताया कि रविभूषण की पत्नी भी कमला नेहरू कॉलेज में एड-हॉक टीचर हैं। हम लोग उनके परिवार को मदद करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बेड नहीं मिलने की वजह से रविभूषण को झज्जर के एम्स में ले जाना पड़ा था।
देशबंधु कॉलेज के ही बॉटनी डिपार्टमेंट के धर्मेंद्र मलिक की भी कोरोना से जान चली गई। मलिक के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। एसोसिएट प्रोफेसर अश्विनी शंकर ने कहा कि स्टाफ उनके परिवार को मदद करने को लेकर सलाह कर रहा है। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स साइंस के राकेश गुप्ता को दिल्ली में बेड नहीं मिलने पर लुधियाना ले जाना पड़ा। वहां उनकी मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट में टीचर-इन-चार्ज पूर्णचंद्र राव की भी जान चली गई।
हाल ही में साउथ कैंपस में रामलाल आनंद कॉलेज के दो सीनियर टीचर्स की भी मौत हो गई। कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर कुसुम गुप्ता की मौत हो गई। हाल ही में उनके माता का कैंसर और पिता का कोरोना से देहांत हो गया था। प्रिंसिपल ने बताया कि हमने अपने एक और असोसिएट प्रोफेसर देवेंद्र कुमार को भी कोरोना से खो दिया।
जामिया ने कुछ युवा टीचरों को खो दिया। सरोजनी नायडू सेंटर फॉर वूमन स्टडी में असिस्टेंट प्रोफेसर नबिला सादिक की कोरोना से मौत हो गई। कुछ दिन पहले ही उनकी मां का भी कोरोना से निधन हुआ था। उनके पिता भी अभी कोरोना संक्रमण से उबर रहे हैं। जामिया के हिस्ट्री और कल्चर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रिजवान कैसर का भी कोरोना से इंतकाल हो गया। जेएनयू के प्रोफेसर दीपक गौर की भी मौत हो गई। गौर स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में प्रोफेसर से उन्हें साल 2017 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भी मिला था। जेएनयू में स्कूल ऑफ संस्कृत और इंडिक स्टडीज की टीचर सत्यमूर्ति की मौत हो गई।