तेजी से बढ़ रहा चीन के परमाणु हथियारों का जखीरा, 2030 तक 1000 मिसाइलों का लक्ष्य : रिपोर्ट
पेइचिंग
पेंटागन ने बुधवार को कहा कि चीन तेजी से अपने परमाणु हथियारों में इजाफा कर रहा है। अनुमान है कि वह 2030 तक 1000 परमाणु हथियारों का लक्ष्य हासिल कर सकता है, जो चीन के महत्वाकांक्षी सैन्य निर्माण का हिस्सा है। हालिया अनुमान चीन के हथियारों के जखीरे में हुई नाटकीय वृद्धि को दिखाता है। पिछली रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि दशक के अंत तक चीन के हथियारों की संख्या 400 के करीब पहुंच सकती है। अमेरिका के पास 3,750 हथियार हैं और फिलहाल वह इसे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहा है।
पेंटागन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कांग्रेस की एक रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा कि अगले दशक तक पीआरसी का लक्ष्य अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीआरसी जमीन, समुद्र और वायु आधारित न्यूक्लियर डिलिवरी प्लेटफॉर्म की संख्या में निवेश और विस्तार कर रहा है। साथ ही वह परमाणु बलों के इस बड़े विस्तार का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।
रूस और अमेरिका के पास परमाणु हथियारों का बड़ा हिस्सा
रिपोर्ट चेतावनी देती है कि चीन ने कम से कम तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल साइलो का निर्माण शुरू कर दिया है। चीन भले ही अपने हथियारों के जखीरे में तेजी से बढ़ोत्तरी कर रहा है लेकिन उसका भंडार अभी भी रूस और अमेरिका के आगे बहुत छोटा है। अमेरिका और रूस के पास दुनिया के परमाणु हथियारों का एक बड़ा हिस्सा है। अमेरिका ने इससे पहले चीन से नई हथियार नियंत्रण संधि में शामिल होने का आह्वान किया था जिसमें रूस भी शामिल है।
ताइवान के प्रति चीन का आक्रामक रवैया चिंताजनक
रिपोर्ट में ताइवान के प्रति पेइचिंग के बढ़ते आक्रामक रवैये पर भी चिंता जताई गई है। पेंटागन की रिपोर्ट कहती है, ‘भले ही पीआरसी दुनिया के सामने ताइवान के साथ शांतिपूर्ण एकीकरण की वकालत करता है लेकिन पीआरसी ने कभी भी सैन्य बल के प्रयोग को नहीं छोड़ा है। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत ने अमेरिका की नीदें उड़ा दी हैं। अमेरिकी नौसेना ने कहा है कि चीन की सेना का तेजी से विकास और आधुनिकीकरण स्तब्ध करने वाला है और स्तब्ध शब्द भी इसके लिए कम है।