कौन सा कानून ममता को रोम जाने से रोकता है? स्वामी ने सरकार पर दागा सवाल
हाइलाइट्स
- इटली के रोम में होने वाली वर्ल्ड पीस कॉन्फ्रेंस में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हिस्सा नहीं ले पाएंगी
- भारत सरकार ने उन्हें इस दौरे की इजाजत नहीं दी है, विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राजनयिक नजरिये से ऐसा किया गया है
- ममता बनर्जी ने इस फैसले पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि पीएम मोदी उनसे जलते हैं
कोलकाता
इटली के रोम में होने वाली वर्ल्ड पीस कॉन्फ्रेंस में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हिस्सा नहीं ले पाएंगी। भारत सरकार ने उन्हें इस दौरे की इजाजत नहीं दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, राजनयिक नजरिये से ऐसा किया गया है। साथ ही कहा गया है कि इस सम्मेलन में भागीदारी किसी राज्य के मुख्यमंत्री के अनुरूप नहीं है। ममता बनर्जी ने इस फैसले पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि पीएम मोदी उनसे जलते हैं। हालांकि, खुद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी मंत्रालय के इस फैसले से असहमति जताते हुए इस पर सवाल उठाया है।
इससे पहले दीदी की चीन यात्रा कैंसिल हुई थी। मंत्रालय के इस फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा, ‘आप मुझे नहीं रोक पाओगे, मैं विदेशों में जाने के लिए लिए उत्सुक नहीं हूं, लेकिन यह देश के सम्मान से जुड़ा है। आप मुझे कहां-कहां जाने से रोकेंगे? आप मुझे हमेशा नहीं रोक पाएंगे।’
सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को गृह मंत्रालय ने रोम की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में जाने से क्यों रोका गया? कौन सा कानून उन्हें जाने से रोकता है?’
ममता को मंजूरी न दिए जाने वाले मंत्रालय के तर्क पर अपने दूसरे ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, ‘लगता है कि मुझे संविधान के अनुच्छेद 19 पर एक क्लास लेनी चाहिए। इसके तहत यात्रा की आजादी भी मौलिक अधिकारों में से एक है, हां उस पर युक्तियुक्त बंदिशें लगाई जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में इन प्रतिबंधों का जिक्र किया है। लेकिन ‘मुख्यमंत्री के योग्य नहीं’ उनमें से एक नहीं है।
ममता बनर्जी को अगस्त में इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह अब इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाएंगी। यह कार्यक्रम 6 और 7 अक्टूबर को रोम में होने वाला है। कार्यक्रम के आयोजकों ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, पोप और इटली के शीर्ष राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया है। उनके साथ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्यौता मिला था। यह पहली बार है जब ममता बनर्जी को इंटरनेशनल पीस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का न्योता दिया गया था। इसके पहले ममता बनर्जी मदर टेरेसा को संत की उपाधि दिए जाने के समय साल 2016 में रोम गईं थीं।