दुनिया के पास अब मात्र 70 दिनों का गेहूं बचा, रोटी को तरसेगा यूरोप, मोदी से गुहार लगाएंगे बाइडन!
हाइलाइट्स
- यूक्रेन पर रूस के हमले से खाद्यान सप्लाइ को लेकर हालात भयानक होते जा रहे हैं
- संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि दुनिया के पास मात्र 10 सप्ताह का ही गेहूं शेष बचा है
- संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दुनिया में खाद्यान का ऐसा संकट ‘एक पीढ़ी में एक ही बार होता है’
गो इंटेलिजेंस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा मेनकर ने चेतावनी दी कि खाद्यान की सप्लाइ कई ‘असाधारण’ चुनौतियों से जूझ रही है। इसमें फर्टिलाइजर की कमी, जलवायु परिवर्तन और खाद्यान तेल तथा अनाज का रेकॉर्ड कम भंडार इसकी वजह है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि बना तत्काल और आक्रामक वैश्विक प्रयास के हम इंसानों के लिए असाधारण मानवीय त्रासदी और आर्थिक नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा संकट एक पीढ़ी में केवल एक ही बार आता है और यह भूराजनीतिक दौर को नाटकीय तरीके से बदल सकता है।पश्चिमी देशों को डर सता रहा है कि रूसी राष्ट्रपति जानबूझकर वैश्विक खाद्यान सप्लाइ को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और यूक्रेन के कृषि उपकरणों को नष्ट कर रहे हैं, उनके गेहूं को चुरा रहे हैं। इस बीच भारत के गेहूं निर्यात पर बैन लगाने से पश्चिमी देश टेंशन में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्वॉड की जापान में हो रही बैठक में गेहूं के निर्यात के मुद्दे को पीएम मोदी से उठा सकते हैं। अमेरिका ने कहा है कि क्वॉड बैठक में गेहूं संकट पर चर्चा होगी। बाइडन पीएम मोदी से गेहूं के निर्यात पर बैन हटाने के लिए गुहार लगा सकते हैं।