आसमान में आज चांद लाल, नीचे समुद्र में तूफान, क्या ‘यास’ का ग्रहण से है कोई कनेक्शन?
हाइलाइट्स:
- चक्रवात यास का ओडिशा और बंगाल के कई इलाकों में असर देखने को मिल रहा है
- समुद्र से ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं, कई इलाकों में बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं
- आज आसमान में ब्लड मून भी दिखाई देगा, चर्चा है कि क्या इससे चक्रवात पर असर होगा?
भुवनेश्वर
चक्रवात यास का ओडिशा और बंगाल के कई इलाकों में असर देखने को मिल रहा है। समुद्र से ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं, साथ ही कई इलाकों में बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर आज आसमान में ब्लड मून देखने को मिलेगा जो आकार में करीब 7 फीसदी बड़ा होगा। इसी के साथ आज साल का पहला चंद्रगहण भी है। ऐसे में चर्चा है कि क्या ब्लड मून और चक्रवात यास का आपस में कोई लिंक है? क्या तूफान की रफ्तार पर ब्लड मून कोई असर डालने में सक्षम है?
इस बारे में विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। ओडिशाबाइट्स न्यूज वेब पोर्टल से बातचीत में पठानी सामंता प्लेनेटोरियम के डेप्युटी डायरेक्टर शुभेंदु पटनायक ने बताया, ‘आमतौर पर फुल मून के वक्त समुद्र में बहुत ऊंची लहरें (हाइयर टाइड) उठती हैं लेकिन फुल मून और चंद्रगहण का चक्रवात से कोई लेना-देना नहीं है। चक्रवात तब बनता है जब समुद्र में दबाव कम होता है। चक्रवाती बारिश लगातार नहीं हो रही है इसलिए ओडिशा के तटीय इलाकों में बाढ़ की कम संभावना है।’
फुल मून के वक्त चक्रवात अधिक प्रभावी
वहीं एमपी बिरला प्लेनेटोरियम के निदेशक देवीप्रसाद दुआरी ने एक न्यूज 18 वेबसाइट से कहा, ‘यह सच है कि अगर फुल मून या चंद्रगहण के वक्त तूफान टकराता है तो इसका प्रभाव और अधिक होगा। इससे निश्चित रूप से समुद्र में लहरें और ऊंची उठेंगी। इन्हें हाई टाइड या स्प्रिंग टाइड कहते हैं क्योंकि चक्रवात के प्रभाव के चलते लहरों में ज्यादा उछाल होता है।’
आज आसमान में दिखेगा ब्लड मून
दो खगोलीय घटनाओं के इस दुर्लभ संगम के चलते कई लोग ग्रहण को सुपर ब्लड मूड कह रहे हैं। चंद्रगहण के बाद आज रात आसमान में दुर्लभ सुपर ब्लड मून देखने को मिलेगा। चंद्रगहण का वक्त दोपहर 2.17 से शाम 7.19 बजे तक रहेगा। इस वजह से भारत में इसके दर्शन नहीं होगे। जिस वक्त यहां चांद आसमान में निकलेगा उस वक्त ग्रहण बिल्कुल खत्म हो चुका होगा।
7 फीसदी बड़ा दिखाई देगा चांद
इस वजह से हम केवल ब्लड मून ही देख पाएंगे। इस दौरान आकाश में हल्का लाल/नारंगी रंग का चांद दिखेगा और साधारण फुल मून की तुलना में यह 7 फीसदी बड़ा दिखाई देगा। फुल मून के वक्त धरती से इसकी दूरी 3.58 किमी होगी इस वजह से यह आकार में बड़ा होगा।
सांकेतिक तस्वीर