कोई महामारी आए, अब 100 दिनों में बन जाएगी वैक्सीन.. G-7 देश करेंगे महा ऐलान
लंदन
ब्रिटेन में जारी दुनिया के सात सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के सम्मेलन जी-7 में आज बड़ा ऐलान होने वाला है। ये सभी देश कोरोना वायरस महामारी की भीषण कहर को देखने के बाद भविष्य के लिए ऐक्शन प्लान को दुनिया के सामने रखने वाले हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य भविष्य में पैदा होने वाली किसी भी महामारी के टीकों को विकसित करने के लिए आवश्यक समय को 100 दिनों से कम करना है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान दुनिया को इसकी पहली वैक्सीन पाने के लिए लगभग 10 महीनें का इंतजार करना पड़ा था।
जी-7 देश जारी करेंगे कार्बिस बे डिक्लेरेशन
रिपोर्ट्स के अनुसार, जी-7 के नेता शनिवार को एक विशेष सत्र के बाद कार्बिस बे डिक्लेरेशन जारी करेंगे। इसके जरिए कोरोना वायरस महामारी के कारण हुई आर्थिक और मानवीय तबाही की पुनरावृत्ति को रोकने की कोशिश करने के लिए एक योजना तैयार की जाएगी। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार, वैश्विक स्तर पर इस महामारी के शुरू होने के बाद अबतक 3800000 लोगों की मौत हो चुकी है।
कार्बिस बे डिक्लेरेशन में शामिल होंगे ये प्रस्ताव
जी-7 देशों के इस डिक्लेरेशन में भविष्य में पैदा होने वाली महामारी के खिलाफ ठोस कदम उठाने के सभी उपाय होंगे। जिसमें भविष्य में किसी भी बीमारी के लिए वैक्सीन, उपचार और निदान विकसित करने और उसे लाइसेंस देने के समय को 100 दिन से कम करना शामिल होगा। इसके अलावा ग्लोबल सर्विलांस नेटवर्क और जीनोम सिक्वेंसिंग की क्षमता को भी बढ़ाना शामिल होगा। ये सभी देश विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार और उसको मजबूत बनाने के संबंध में भी प्रस्ताव रखेंगे।
ब्रिटिश महारानी की भोज में पहुंचे जी-7 नेता
शुक्रवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वैश्विक असमानता से निपटने के प्रस्ताव के साथ इस शिखर सम्मेलन की शुरूआत की। उन्होंने उद्घाटन भाषण में कहा कि दुनिया को 2008 के वित्तीय संकट की गलतियों से सीखने और असमानता के निशान से निपटने की बहुत जरूरत है। शुक्रवार को पहले दिन की बैठक के बाद जी-7 के सभी नेता ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के महल में डिनर के लिए पहुंचे थे।
सम्मेलन में भारत भी विशेष आमंत्रित अतिथि
इस बार के शिखर सम्मेलन में भारत को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। इसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी को इस समिट में शामिल होने के लिए विशेष तौर पर आमंत्रित किया था। भारत की तरह ही ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया भी जी-7 का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उन्हें भी गेस्ट कंट्री के तौर पर शामिल होने का न्योता मिला है।
क्या है G-7?
जी-7 दुनिया की 7 बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा शामिल हैं। इसकी पहली शिखर बैठक 1975 में हुई थी लेकिन तब इसके सिर्फ 6 सदस्य थे। 1976 में कनाडा भी इसके साथ जुड़ गया जिसके बाद इसे ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ नाम मिला। इस बार से शिखर सम्मेलन के लिए जी-7 के अध्यक्ष के नाते ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित किया है।