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विधायकों के बेटों को नौकरी देकर फंसे कैप्टन, कांग्रेस प्रधान जाखड़ भी भड़के

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चंडीगढ़. पंजाब में कांग्रेस में पहले मचे हुए कोहराम का अभी हाईकमान हल ही नहीं निकाल पाई है कि हाल ही में हुई कैबिनेट में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने दो विधायकों के बेटों को डायरेक्ट अफसर (Sons of two MLAs direct officers) बनाकर फिर नया विवाद (Controversy) खड़ा कर दिया है. विपक्षी दल तो इसका विरोध कर ही रहे हैं, लेकिन कैप्टन के बहुत ही करीबी पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ (Punjab Congress chief Sunil Jakhar) सहित मंत्रियों और विधायकों ने भी इन नियुक्तियों का पूरजोर विरोध किया है.

उन्होंने कहा कि इस फैसले को वापिस नहीं लिया गया तो कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हालांकि इस बार कैप्टन के धुरविरोधी रहे सांसद प्रताप सिंह बाजवा (MP Pratap Singh Bajwa) के भतीजे और विधायक फतेहजंग बाजवा (MLA Fatehjung Bajwa) के बेटे अर्जुन बाजवा को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर लगाया गया है इसलिए उनके करीब तीन दिन पहले से ही सूर बदले हुए हैं और वह कैप्टन के पक्ष में आकर खड़े हो गए हैं. लुधियाना से विधायक राकेश पांडेय (MLA Rakesh Pandey) के बेटे भीष्म पांडेय को नायब तहसीलदार बनाया गया है.

नाराज हुए कांग्रेस के नेताओं, मंत्री, और विधायकों ने क्या कहा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ (Congress State President Sunil Jakhar): सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह फैसला वापस न लिया तो कांग्रेस पर भाई-भतीजावाद के आरोपों से घिर जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों नियुक्तियां दिए जाने का आधार ही गलत है. देश के लिए कुर्बानी दिए जाने वालों के लिए समाज कृतज्ञ है पर विधायकों का बैकग्राउंड देखते हुए यह फैसला गलत है.
कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा (Cabinet Minister Tript Rajinder Singh Bajwa): विधायकों के बेटों नौकरी देना बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट मीटिंग में एजेंडा लाने से पहले भी उन्होंने इस तरह विधायकों के बेटों को नौकरी देने का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर सहयोगी मंत्रियों से बैठक करेंगे और सीएम से भी बात करेंगे. बाजवा ने कहा कि इस फैसले पर दोबारा विचार किए जाने की जरूरत है.

फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत नागरा(Fatehgarh Sahib MLA Kuljeet Nagra): दो विधायकों के बेटों को नौकरी देने के फैसले से मैं सहमत नहीं. उन्होंने पूरी कैबिनेट, सीएम कैप्टन अमरिंदर और पार्टी से मांग की है कि पंजाब के युवाओं के भविष्य को देखते हुए उनकी योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस फैसले को वापिस लिया जाना चाहिए.

गिद्दड़बाहा के विधायक राजा वड़िंग(Giddarbaha MLA Raja Vading): दो विधायकों के बटों को नियक्तियां देने का फैसला गलत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवा बेरोजगारों को तरजीह दी जानी चाहिए और सरकार को अपने फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए. यूथ कांग्रेस प्रधान वरिंदर ढिल्लों(Youth Congress President Varinder Dhillon): उन्होंने ने प्रदेश में बेरोजगार अध्यापकों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे समय में सरकार को बेरोजगारों के बारे में सोचने की आवश्यकता है.

पूर्व सीपीएस डॉ. नवजोत कौर सिद्धू (Former CPS Dr. Navjot Kaur Sidhu): बिना कोई टेस्ट दिए किसी को इंस्पेक्टर और नायब तहसीलदार कैसे बनाया जा सकता है. जो पहले से संपन्न हैं उन्हें अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी न देकर किसी जरूरतमंद खिलाड़ी या स्वतंत्रता सेनानी के बच्चों को दी जाए.

विपक्षी नेताओं ने क्या कहा…

शिरोमणि अकाली दल: राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से कैप्टन सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. बिक्रमजीत सिंह मजीठिया और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए करोड़पति कांग्रेस विधायकों के बेटों को नौकरी दी.

आम आदमी पार्टी: प्रदेशाध्यक्ष भगवंत मान ने कहा कि नियम बदलकर चहेतों को फायदा पहुचाया जा रहा है. यह सब कैप्टन ने असंतुष्टों को खुश करने के लिए किया है. हमारी सरकार बनी तो इन दोनों नियुक्तियों को रद्द किया जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी: अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि सीएम को करोड़पति विधायकों के बेटों को अफसर बनाने की बजाय बरसों से अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों नौकरियां देनी चाहिए. जबकि राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आरोप लगाया कहा कि सीएम ने विरोध को दबाने के लिए यह कमद उठाया.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे मामले पर क्या कहा?

CM कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि न नियुक्तियां रद्द होंगी न कोई अफसर बदलेगा. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के फैसले को बदलने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अफसरों के खिलाफ कांग्रेस पर भी सीएम ने स्पष्ट किया कि सभी अफसर बेहतरीन काम कर रहे हैं और किसी भी अफसर को हटाया नहीं जाएगा।

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