अफगानिस्तान की बर्बादी के लिए अशरफ गनी जिम्मेदार, लौटा दें सारा पैसा : तालिबान
हाइलाइट्स
- अफगानिस्तान से पैसा लेकर भागे अशरफ गनी को तालिबान की चेतावनी
- तालिबान ने कहा- जो भी लेकर भागे हैं गनी, अफगानिस्तान को कर दें वापस
- 15 अगस्त के बाद देश में फैली अराजकता के लिए गनी को ठहराया जिम्मेदार
काबुल
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अफगान राष्ट्रपति को 15 अगस्त के बाद देश में फैली अराजकता के लिए जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने अचानक सरकार को छोड़कर गलती की। दोहा न्यूज के साथ बात करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि 15 अगस्त को जब तालिबान काबुल में शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता परिवर्तन करने के लिए आगे बढ़ रहा था और उसके लड़ाके काबुल के बाहर इंतजार कर रहे थे तब अचानक अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए।
जो भी लेकर गए हों वापस कर दें
प्रवक्ता ने कहा कि गनी ने अचानक सत्ता छोड़कर गलती की, जिसकी वजह से अचानक निर्वात पैदा हो गया और जगह-जगह फायरिंग, लूटपाट जैसी घटनाएं हुईं। अशरफ गनी के अपने साथ भारी मात्रा में पैसे लेकर भागने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि अगर वह कुछ भी ऐसा अपने साथ लेकर गए हैं जो उनका नहीं है तो उन्हें उसे अफगानिस्तान को वापस कर देना चाहिए। तालिबान की प्राथमिकता फिलहाल नई सरकार के गठन पर फोकस करना है।
अशरफ गनी ने दी आरोपों पर सफाई
अफगानिस्तान के सरकारी खजाने से 12 अरब रुपये लेकर फरार होने के आरोपी अफगानिस्तान के निर्वासन में जीवन बिता रहे राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इन आरोपों पर सफाई दी थी। अफगानिस्तान से भागकर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे अशरफ गनी ने एक वीडियो मैसेज में कहा था, ‘मैं केवल एक वेस्टकोट और कुछ कपड़े लेकर गया। मेरी चारित्रिक हत्या करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि मैं पैसा लेकर भागा हूं। ये आरोप बेबुनियाद हैं। आप कस्टम विभाग के अधिकारियों से भी पूछ सकते हो। वे आधारहीन हैं।’
भागने से पहले जूते भी नहीं पहन सका
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सैंडल उतारकर उनकी जगह पर जूते भी नहीं पहन सका। मुझे अफगानिस्तान से बाहर ले जाया गया। अगर मैं रुका होता तो मैं काबुल में रक्तपात का गवाह बनता। मैंने सरकारी अधिकारियों की सलाह पर अफगानिस्तान को छोड़ा है। काबुल को सत्ता के संघर्ष में एक और यमन या सीरिया में नहीं बदलना चाहिए, इस वजह से मैं देश छोड़ने को मजबूर हुआ।’ तजाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अघबार ने राष्ट्रपति अशरफ गनी पर सरकारी कोष से 16.9 करोड़ डॉलर की ‘चोरी’ करने का आरोप लगाया था और अंतरराष्ट्रीय पुलिस से उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी।