दिल्ली दंगा केसः आज उमर खालिद का क्या होगा? जानिए कितने संगीन हैं आरोप
हाइलाइट्स
- दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार है उमर खालिद
- खालिद का आरोप- पुलिस ने बिना किसी फैक्ट के बढ़ा-चढाकर लगाए आरोप
- खालिद के वकील ने कहा, उमर खालिद ने नहीं दिया हिंसा के आह्वान वाला भाषण
नई दिल्ली
दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की याचिका पर आज सुनवाई होगी। इससे पहले मंगलवार को खालिद ने अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। खालिद की तरफ से अब एक नई अर्जी दायर की है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पहली वाली अर्जी पर विचार किए जाने की पात्रता पर आपत्ति जताई थी। खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है।
खालिद ने बोला था- बढ़ा-चढ़ाकर आरोप लगाए गए
3 सितंबर को पिछली सुनवाई में खालिद ने अदालत को बताया था कि चार्जशीट में बिना किसी तथ्यात्मक आधार के बढ़ा-चढ़ा कर आरोप लगाए गए हैं, जो किसी वेब सीरीज और न्यूज चैनलों की स्क्रिप्ट की तरह है। जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद का कहना है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे एक साजिश थे। खालिद ने कहा कि दिल्ली कि पुलिस के दावों में कई विरोधाभास हैं।
लोगों को एकता का संदेश दिया था
उमर के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल ने भाषण के माध्यम से हिंसा का कोई आह्वान नहीं किया। उन्होंने वास्तव में लोगों को एकता का संदेश दिया।
वकील का कहना है कि उस दिन उमर खालिद ने गांधी जी पर आधारित एकता का संदेश दिया था । इसे आतंक करार दिया गया। सामग्री देशद्रोही नहीं है। वह लोकतांत्रिक सत्ता की बात कर रहे थे और उन्होंने गांधी का जिक्र किया।’उस दिन उमर खालिद ने गांधी जी पर आधारित एकता का संदेश दिया था । इसे आतंक करार दिया गया। सामग्री देशद्रोही नहीं है। वह लोकतांत्रिक सत्ता की बात कर रहे थे और उन्होंने गांधी का जिक्र किया।
दंगों में 53 लोगों की गई थी जान
खालिद और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था । उन पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है। इन दंगों में 53 लोगों की जान गयी थी जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे।
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