‘खास धर्म का पक्ष लेकर स्टूडेंट्स का ब्रेनवॉश कर रहीं किताबें’, फिर सवालों के घेरे में NCERT
हाइलाइट्स
- सोशल मीडिया पर एक लेखक ने शेयर किया किताब का पन्ना
- इस्लाम ने कैसे हिंदुओं को आकर्षित किया, उसपर था चैप्टर
- ट्विटर पर NCERT के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं यूजर्स
- कई लोगों ने कहा- ठीक इतिहास नहीं पढ़ातीं हमारी किताबें
नई दिल्ली
स्कूली किताबों में गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है? ट्विटर पर आज फिर यही बहस चल रही है। शुरुआत हुई इतिहासकार डॉ विक्रम संपत के आरोपों से। उन्होंने एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में कहा था कि NCERT की किताबों में हिंदुओं के इतिहास को दबाया गया। बुधवार को एक ट्विटर थ्रेड में संपत ने कई उदाहरण गिनाए। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट्स की बाढ़ आ गई जिनमें कथित रूप से NCERT ने तथ्यों को गलत ढंग से दिखाया। बहस ने जल्द ही बड़ा रूप ले लिया और NCERT ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। NCERT को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। इस साल मामला अदालत तक पहुंच गया था।
क्या-क्या तर्क दे रहे हैं लोग?
डॉ संपत ने NCERT की किताबों में कई खामियां गिनाई हैं। उनके अनुसार, ‘चोल साम्राज्य को 3 पन्नों में निपटा दिया गया। दिल्ली सल्तनत के लिए एक पूरा चैप्टर है। चैप्टर 4 पूरी तरह से मुगल साम्राज्य को समर्पित है। चैप्टर 5 में भी मुस्लिम शासकों की बनवाई इमारतों को तरजीह दी गई है।’ संपत लिखते हैं कि मुगलों के हाथों 1662 में अहोम की हार का जिक्र है मगर 1671 में हुई सरायघाट की लड़ाई का जिक्र नहीं है। उन्होंने भक्ति और सूफी आंदोलन को लेकर NCERT किताबों में दिए ब्योरे को भी कटघरे में खड़ा किया।
कथित रूप से NCERT की किताबों के कई पन्ने भी साझा किए गए हैं। ऐसे ही एक पेज में बताया गया है कि किस तरह खुले विचारों वाले हिंदुओं को इस्लाम के ‘समानता, भाईचारे और एक ईश्वर’ के सिद्धांतों ने आकर्षित किया। बीच-बीच में कुछ लोगों ने NCERT से इतर अन्य प्रकाशकों की किताबों के पन्ने भी साझा किए हैं और लताड़ NCERT को लगाई। बीजेपी के कई नेताओं ने भी इस ट्रेंड में हिस्सा लिया।
विवाद नया नहीं, कोर्ट तक जा चुका है मामला
NCERT की किताबों में गलत इतिहास पढ़ाने के आरोप नए नहीं हैं। इसी साल जनवरी में एक RTI के हवाले से कहा गया कि NCERT ने माना कि उसने किताब में छपे तथ्यों के पीछे की जानकारी नहीं है। मसला कक्षा 12 की एक किताब को लेकर था जिसमें कहा गया था कि शाहजहां और औरंगजेब के राज में तोड़े गए मंदिरों के पुर्ननिर्माण के लिए मदद दी।
इसी साल अप्रैल में जयपुर की एक निचली अदालत ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और NCERT निदेशक को नोटिस भेजा था। एक याचिका में कहा गया था कि NCERT ने कक्षा 12 की किताब में मुगल शासकों का ‘महिमामंडन’ किया है।