इस्लाम में हराम बार और रेस्टोरेंट चलाता है PFI, बेनकाब हुआ मुस्लिम संगठन
- पीएफआई भारत विरोधी गतिविधियों के लिए है बदनाम
- बैन करने की उठती रही है मांग, ईडी के छापे में बड़े खुलासे
- इस्लाम में हराम बार और शराब का बिजनस करते हैं पीएफआई मेंबर
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भारत विरोधी गतिविधियों और असामाजिक कार्यों में शामिल होने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। सीएए विरोधी प्रदर्शनों को उकसाने, सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक विरोध करने, सिमी से लिंक, विदेश से गैरकानूनी तरीके से पैसा जुटाने समेत कई ऐसे काम हैं, जिसके कारण यह संगठन सरकारी एजेंसियों के रडार पर रहा है। दो दिन पहले ही इसके खिलाफ ED ने कार्रवाई की और कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे।वैसे, पीएफआई खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है। इस संगठन की जड़ें केरल के कालीकट में और मुख्यालय नई दिल्ली में है। पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में पीएफआई का मुस्लिम संगठन होने का मुखौटा भी उतर गया। जी हां, पीएफआई के नेता इस्लाम में हराम शराब का धंधा (बार) कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी को अबू धाबी में PFI नेताओं के रेस्तरां और बार होने से संबंधित कुछ दस्तावेज मिले हैं। मुस्लिम जानकारों का कहना है कि इस्लाम में खुद को शराब से दूर रखने की बात कही गई है। ऐसे में बार का बिजनस आपको उसके करीब ले जाता है, जो ठीक नहीं है।रेस्टोरेंट तो ठीक, पर शराब का बिजनस हराम
गोकुलपुरी, गंगा विहार, दिल्ली स्थित जन्नते मस्जिद के प्रेसिडेंट खुर्शीद अंसारी साफ कहते हैं कि किसी भी मुसलमान के लिए शराब या किसी भी तरह से उसका कारोबार वर्जित है। यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट चलाना ठीक है लेकिन बार या शराब का बिजनस इस्लाम में बिल्कुल हराम है। जो लोग ऐसा करते हैं वे इस्लाम के तहत काम नहीं कर रहे हैं।
केरल से शुरू होकर यह संगठन अब दिल्ली, हरियाणा, यूपी, असम समेत 20 से ज्यादा राज्यों में अपनी पहुंच बना चुका है। पीएफआई खुद को न्याय, सुरक्षा और स्वतंत्रता का पैरोकार बताता है। मुस्लिम संगठन होने के नाते इसकी ज्यादातर गतिविधियां मुस्लिमों से संबंधित होती है। 2006 में पूरी तरह से प्रतिबंधित किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के बाद इसके उदय के चलते इसे सिमी की बी-टीम भी कहा जाता है। 2012 से ही इसे बैन करने की मांग उठती रही है। केरल में इस संगठन से जुड़े लोगों के पास से हथियार, बम से जुड़े दस्तावेज मिले थे, जिससे इसके अल कायदा और तालिबान से प्रेरित होने के भी आरोप लगे।आज आलम यह है कि इस संगठन के कार्यकर्ताओं को लव जिहाद, शांति भंग करने, सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को भड़काने और दंगा फैलाने से जोड़ा जाने लगा है। केरल और यूपी की सरकारें कोर्ट में भी कह चुकी हैं कि यह संगठन देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक है। पीएफआई पर आरोप है कि वह कट्टरपंथ को बढ़ावा देती है। अब ईडी के खुलासे में इस्लाम में हराम बार और शराब का बिजनस करने के कारण इस संगठन का धार्मिक चोला भी उतर गया है। साफ है आने वाले दिनों में पीएफआई पर शिकंजा और कस सकता है।