आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को बड़ी सौगात, अब सर्जरी का विकल्प भी होगा उपलब्ध, 5 लाख रुपये होगी सीमा
नई दिल्ली: मोदी सरकार की आयुष्मान भारत नेशनल पब्लिक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (Ayushman Bharat National Public Health Insurance Scheme) के लाभार्थी अब उन मेडिकल प्रोसिजर का विकल्प चुन सकेंगे, जो हेल्थ पैकेज का हिस्सा नहीं हैं. News18.com को इस बारे में जानकारी मिली है. दरअसल आयुष्मान भारत योजना के गवर्निंग पैनल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 5 लाख रुपये तक के अनस्पेसिफाइड सर्जिकल पैकेज के तहत बुक की जाने वाली प्रक्रियाओं को तय करने और मंजूरी देने की छूट दी है.
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इसके अलावा, राज्यों को हेल्थ बेनेफिट पैकेज की कीमतें तय करने की अनुमति भी दी गई है- योजना के तहत लाभार्थियों को मेडिकल प्रोसिजर की लिस्ट दी गई है और वे इसमें से अनुकूल पैकेज चुन सकते हैं. 2018 में आयुष्मान भारत कार्यक्रम, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करोड़ों भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, खासकर उन लोगों के लिए जो मेडिकल सुविधाओं का खर्च नहीं उठा सकते हैं.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी का कहना है कि आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बड़ी संख्या में विभिन्न मेडिकल प्रोसिजर को कवर किया गया है, लेकिन कुछ मामलों में मरीजों को ऐसी सर्जरी या इलाज से गुजरना पड़ता है जो कि हेल्थ बेनेफिट पैकेज के तहत कवर नहीं होते हैं. ऐसे मामलों में मरीज अनस्पेसिफाइड सर्जिकल प्रोसिजर कैटेगरी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने कहा कि, हमने अपनी चिंता साझा करके गवर्निंग बोर्ड को आश्वस्त किया कि मौजूदा प्रक्रिया समय लेने वाली है. राज्यों को अधिकार प्रदान करने से लाभार्थियों को राहत मिलेगी क्योंकि ऐसे पैकेज के संबंध में निर्णय शीघ्रता लिए जाना चाहिए.
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अधिकारी ने कहा कि, इस योजना के क्रियान्वयन के दौरान, राज्यों ने योजना के कई पहलुओं पर सलाह देने के लिए मेडिकल सेल बनाए हैं. इसलिए इन राज्यों के पास अब USP (Unspecified Surgical Procedures) पर निर्णय लेने के लिए पर्याप्त तकनीकी विशेषज्ञता है.
गवर्निंग बोर्ड की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया करते हैं. जिसने वित्तीय वर्ष 2022-2023 से पैकेज तय करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पूर्ण लचीलापन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके अलावा गवर्निंग बोर्ड ने 5 लाख रुपये तक के अनस्पेसिफाइड पैकेज को मंजूरी देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अधिकार सौंपने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.