सीबीआई आई है, स्वागत करता हूं…एक्साइज स्कैम में छापे पर बोले डेप्युटी CM मनीष सिसोदिया
हाइलाइट्स
- एलजी ने एक्साइज पॉलिसी में गड़बड़ी को लेकर की थी सीबीआई जांच की सिफारिश
- सीबीआई ने दिल्ली में आज 20 स्थानों पर मारा छापा, डेप्युटी सीएम के घर भी पहुंची
- दिल्ली के सीएम ने किया ट्वीट, कहा- पहले भी रेड/जांच हुई, अब भी कुछ नहीं निकलेगा
मेरे खिलाफ केस में अभी तक कुछ नहीं निकला
सिसोदिया ने कहा लिखा कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जां च में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। सिसोदिया ने आगे लिखा कि अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।
Excise policy case | The 21 locations being raided by CBI also include the premises of the then Delhi Excise Commissioner Arava Gopi Krishna: Sources https://t.co/I8rNgJj3Kk
— ANI (@ANI) August 19, 2022
पिछले महीने सीबीआई जांच की सिफारिश
दिल्ली के उपराज्यपाल ने राजधानी की नई आबकारी नीति में कथित गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर पिछले महीने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को निर्देश दिया था कि वह एक रिपोर्ट जमा करके यह बताएं कि नियमों की अवेहलना करते हुए नई आबकारी नीति को तैयार करने, उसे लागू करने और उसमें मनमर्जी के मुताबिक बदलाव करने की छूट देने में किन-किन सरकारी अफसरों और प्रशासकों की मुख्य भूमिका रही है।
जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी
CBI का स्वागत है। पूरा cooperate करेंगे। पहले भी कई जाँच/रेड हुईं। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा https://t.co/oQXitimbYZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 19, 2022
मनीष सिसोदिया के खिलाफ क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार ने पिछले साल ही अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। उपराज्यपाल ने जिस रिपोर्ट को आधार बनाया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई। इससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। इन सभी गड़बड़ियों को देखते हुए ही सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला लिया गया।
आबकारी नीति में घोटाला किस आधार पर कहा जा रहा है?
इस साल 8 जुलाई को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट भेजी थी। चीफ सेक्रेटरी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पहली नजर में यह जाहिर होता है कि नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है।
क्या चीफ सेक्रेटरी एलजी को इस तरह की रिपोर्ट भेज सकता है?
एलजी ऑफिस की तरफ से यह साफ किया गया था कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993 के रूल नंबर 57 के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह रिपोर्ट एलजी को भेजी थी। यह रूल कहता है कि पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के पालन में कोई भी कमी पाए जाने पर चीफ सेक्रेटरी तुरंत उस पर संज्ञान लेकर उसकी जानकारी एलजी और सीएम को दे सकते हैं। यह रिपोर्ट भी इन दोनों को भेजी गई थी।