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Twitter पर ब्लू टिक के लिए हर महीने देने होंगे ₹1,600! मस्‍क के प्‍लान पर क्‍या बोली सरकार

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हाइलाइट्स

  • वेरिफाइड ब्‍लू बैज के लिए चार्ज वसूलने की योजना बना रहा ट्विटर
  • मीडिया रिपोर्ट्स पर भारत सरकार ने कहा, अभी तक पुष्टि नहीं की
  • पिछले दिनों 44 अरब डॉलर में एलन मस्‍क ने ट्विटर को खरीदा है
  • माइक्रो-ब्‍लॉगिंग वेबसाइट पर कई बदलाव लाने की तैयारी में मस्‍क
नई दिल्‍ली: ट्विटर के वेरिफिकेशन के बाद जारी किए जाने वाले बैज ‘ब्लू टिक’ के लिए प्रति माह 20 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लेने की खबरें हैं। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने इसकी पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि इसपर कोई भी टिप्पणी ट्विटर से वास्तविक स्थिति जानने के बाद ही की जा सकती है। चंद्रशेखर ने कहा, ‘यह बात ट्विटर ने नहीं की है। किसी ने इस खबर को चलाया है… इसकी ट्विटर ने पुष्टि नहीं की है। उन्हें जो कहना है, उसे कहने दीजिए और फिर हम टिप्पणी करेंगे… मैं अनुमान के आधार पर हस्तक्षेप नहीं कर सकता।’ मंत्री से उन खबरों पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया था, जिनके मुताबिक ट्विटर अपने उपयोगकर्ताओं की पहचान की पुष्टि करने वाले प्रतिष्ठित ‘ब्लू टिक मार्क’ के लिए शुल्क लेने पर विचार कर रहा है।

इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला इंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने शुक्रवार को 44 अरब डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण पूरा किया था। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह भारतीयों के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय इंटरनेट सुनिश्चित करने में सोशल मीडिया कंपनियों को भागीदार के रूप में देखती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क ब्लू वेरिफिकेशन प्रक्रिया में बदलाव करने की योजना बना रहे हैं। दरअसल एक यूजर ने एलन मस्क को ट्वीट करके पूछा था कि उसके पास भारी संख्या में फॉलोअर्स हैं, बावजूद उसे ब्लू टिक नहीं मिल पा रहा है। इस ट्वीट के रिप्लाई में ही एलन मस्क ने पेड ब्लू टिक की तरफ इशारा किया है।

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ट्विटर का कंट्रोल हाथ में लेने के साथ ही मस्‍क ने पराग अग्रवाल और विजया गाड्डे को बाहर कर दिया। गाड्डे ट्विटर में पॉलिसी, लीगल और सेफ्टी इशूज जैसे अहम डिपार्टमेंट्स देख रही थीं। वह कंपनी की लीगल डायरेक्‍टर भी रही हैं। मीडिया उन्‍हें ट्विटर का ‘मॉरल अथॉरिटी’ बताता था। 2014 में ‘फॉर्च्‍यून’ ने विजया गाड्डे को ट्विटर की सबसे ताकतवर महिला एक्‍जीक्‍यूटिव बताया था।

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एलन मस्‍क ने जब ट्विटर को खरीदने की पेशकश की और सौदा तय हुआ, उससे विजया गाड्डे खासी दुखी थीं। अप्रैल 2022 में, विजया ने ट्विटर की पॉलिसी और लीगल टीमों की वर्चुअल मीटिंग बुलाई। नए मालिक के बाद स्‍टाफ का क्‍या होगा, इसपर बात हो रही थी। विजया यह बताते-बताते कि कंपनी कैसे बदल जाएगी, रोने लगीं। रिपोर्ट के अनुसार, विजया ने माना कि मस्‍क के नेतृत्‍व में कंपनी कैसी होगी, इसे लेकर काफी अनिश्चितताएं हैं। उनकी आशंकाएं सच साबित हुईं। मस्‍क ने विजया समेत टॉप एक्‍जीक्‍यूटिव्‍स को बाहर कर दिया है। Twitter स्‍टाफ में भी तगड़ी कटौती के संकेत हैं।

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विजया को कंपनी का ‘सबसे ताकतवर कर्मचारी’ यूं ही नहीं बताया जाता। वह कई मौकों पर Twitter के साथ जुड़े विवादों के केंद्र में रहीं। 2020 के अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान सभी तरह के राजनीतिक विज्ञापन हटाने का फैसला विजया का ही था। उन्‍होंने ही जैक डॉर्सी को मनाया। कैपिटल हिल पर उपद्रव के बाद, पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बंद करने का फैसला भी विजया गाड्डे ने लिया। ट्रंप समर्थकों ने तभी कहा था कि ‘डॉर्सी कंपनी का पब्लिक फेस हैं मगर प्रॉडक्‍ट और स्‍ट्रैटजी से लेकर, ट्विटर के नियमों से जुड़े सभी फैसले विजया करती हैं।’

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तीन साल की उम्र में अमेरिका आईं विजया की परवरिश टेक्‍सस में हुई है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बैचलर्स और न्‍यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्‍कूल ऑफ लॉ से वकालत की पढ़ाई करने वाली विजया 2018 में भारत आई थीं। विजया और ट्विटर फाउंडर जैक डॉर्सी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले थे।

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नवंबर 2018 में जैक डॉर्सी और विजया गाड्डे भारत आए। यहां उन्‍होंने कुछ महिला पत्रकारों, एक्टिविस्‍ट्स से मुलाकात की। इस मीटिंग के दौरान जैक के हाथों में एक प्‍लेकार्ड था जिसपर लिखा था ‘Smash Brahminical patriarchy’। तस्‍वीर पर खूब बवाल मचा कि ट्विटर के स्‍टाफ को राजनीतिक संदेश देने की क्‍या जरूरत है। ट्विटर इंडिया ने बयान में कहा कि डॉर्सी को यह प्‍लेकार्ड किसी दलित एक्टिविस्‍ट ने पकड़ाया था।

हालांकि कुछ देर बाद, विजया गाड्डे ने माफी मांग ली। उन्‍होंने एक ट्वीट में तब कहा था, ‘मैं इसके लिए बेहद दुखी हूं। यह हमारे विचारों का नहीं दर्शाता। हमें जो गिफ्ट दिया गया, हमने उसके साथ एक निजी तस्‍वीर ली- हमें थोड़ा और सोचना चाहिए था। ट्विटर सबके लिए निष्‍पक्ष प्‍लेटफॉर्म बनने की कोशिश करता है। हम यहां ऐसा करने में नाकाम रहे और हमें भारत में अपने ग्राहकों की सेवा के लिए और बेहतर करना चाहिए।’

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विजया गाड्डे को Twitter से निकालना कंपनी को खासा महंगा पड़ेगा। विजया गाड्डे करीब 72 मिलियन डॉलर की रकम के साथ कंपनी छोड़ेंगी। इसमें उनके स्‍टॉक होल्डिंग्‍स, सैलरी और स्टॉक्‍स शामिल हैं।

अंग्रेजी टेक वेबसाइट द वर्ज ने सबसे पहले इसकी रिपोर्ट दी है। द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्विटर का ब्लू टिक सिर्फ ट्विटर ब्लू टिक मेंबर्स के लिए होगा जो कि एक सब्सक्रिप्शन आधारित सर्विस है। ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन मिलनेके बाद यूजर्स को ट्वीट एडिट समेत कई तरह के एक्सक्लूसिव फीचर्स मिलते हैं। ट्विटर ब्लू का मासिक सब्सक्रिप्शन 19.99 डॉलर यानी करीब 1,600 रुपये है। कहा जा रहा है कि जिनका अकाउंट पहले से वेरिफाई है, उन्हें 90 दिनों के अंदर ट्विटर ब्लू का सब्सक्रिप्शन लेना होगा, नहीं तो प्रोफाइल से ब्लू टिक हट जाएगा।

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