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ट्विटर के अधिकारियों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

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हाइलाइट्स:

  • भारत सरकार ने ट्विटर को सौंपी थी कुल 1,435 अकांउट्स की लिस्‍ट
  • इन हैंडल्‍स से किए गए थे ‘भड़काऊ’ और ‘आपत्तिजनक’ ट्वीट्स: केंद्र
  • ट्विटर ने कुछ को किया ब्‍लॉक, बाकी को यूं ही छोड़ा, जारी किया बयान
  • केंद्र ने कर दिया साफ, ब्‍लॉक करना ही होगा, अब सब्र जवाब देने लगा है

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 नई दिल्‍ली
केंद्र सरकार ने ट्विटर से साफ शब्‍दों में कह दिया है कि उसे जिन अकाउंट्स की लिस्‍ट सौंपी गई है, उन्‍हें सेंसर करना ही होगा। ऐसा न करने की सूरत में भारत में उसके शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। सरकार ने कहा कि ‘भड़काऊ कंटेंट’ वाले खासतौर से वे अकाउंट्स जिन्‍होंने किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग्‍स के साथ ट्वीट किए थे, उनपर कोई बातचीत नहीं हो सकती। सरकार ने कहा कि आईटी ऐक्‍ट की धारा 69A के तहत दिए आदेश का पालन करने से कंपनी के इनकार पर उसका धैर्य जवाब देने लगा है।

अमेरिकी माइक्रो-ब्‍लॉगिंग कंपनी ने सरकार के आदेश को आंशिक रूप से लागू किया था। सरकार की लिस्‍ट में से करीब आधे अकाउंट्स को ब्‍लॉक किया गया है। भारत सरकार ने जैसा रुख अख्तियार किया है, उसे देखते हुए ट्विटर को अब अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है। कंपनी ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा कि ‘जिन लोगों की हम सेवा करते हैं, उनके लिए अभिव्‍यक्ति के अधिकार’ की रक्षा करेंगे।

कैपिटल हिल से तुलना कर IT सेक्रेटरी ने खूब सुनाया
बुधवार को केंद्रीय आईटी सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर अधिकारियों- मोनिक मेशे और जिम बेकर की वर्चुअल मुलाकात हुई। साहनी ने साफ कर दिया कि विवादित हैशटैग का इस्‍तेमाल न तो पत्रकारीय स्‍वतंत्रता थी, न ही अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता क्‍योंकि ऐसा ‘गैर-जिम्‍मेदार कंटेट भड़का सकता है’ हालात को ‘और गंभीर’ बना सकता है। साहनी ने इस बात पर भी नाखुशी जताई कि ट्विटर कैपिटल हिल और लाल किले में हुई घटनाओं के सिलसिले में अलग-अलग रुख अपना रहा है।

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‘ट्विटर को फौरन मानना होगा आदेश’
सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा, “ट्विटर को आदेशों का पालन करना ही होगा। यह बातचीत का विषय नहीं है। यह देश का कानून है और अगर किसी को हमारी कार्रवाई से दिक्‍कत है तो आप कानूनी रास्‍ता अख्तियार करने को स्‍वतंत्र हैं।” केंद्र को लगता है कि ट्विटर को फौरन उसका आदेश मानना चाहिए। सूत्र ने कहा, “अगर वे हिचकते हुए या अनिच्‍छा दिखाते हुए ऐसा करते हैं या फिर आदेश मानने में 10-12 दिन लगा देते हैं तो इसे अनुपालन नहीं कहा जा सकता।”

ट्विटर की ब्‍लॉग पोस्‍ट से भी सरकार खफा
इससे पहले, ट्विटर ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा कि उसने ‘न्‍यूज मीडिया संस्‍थानों, पत्रकारों, ऐक्टिविस्‍ट्स और नेताओं के अकांउट्स पर ऐक्‍शन नहीं लिया है।’ कंपनी ने कहा कि ‘हमें लगता है कि ऐसा करना, भारतीय कानून के तहत उन्‍हें मिले अभिव्‍यक्ति के मूल अधिकार का उल्‍लंघन होगा।’ इसके बाद आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की अर्जी केंद्र ने खारिज कर दी और बयान जारी करने पर भी नाराजगी जाहिर की। Koo ऐप पर आईटी मिनिस्‍ट्री ने कहा, “ट्विटर के अनुरोध पर, सचिव साहनी ट्विटर के सीनियर मैनेजमेंट से चर्चा करने वाले थे।इस बैठक से पहले एक ब्‍लॉग पोस्‍ट का पब्लिश किया जाना अजीब है।”

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सरकार ने #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले 257 हैंडल्‍स को ब्‍लॉक करने को कहा था। ट्विटर ने इनमें से केवल 126 को ब्‍लॉक किया है। इसके बाद सरकार ने 1,178 अकाउंट्स की एक और लिस्‍ट भेजी। सरकार को शक था कि इन अकाउंट्स का खालिस्तानी और पाकिस्‍तानी तत्‍वों से संपर्क है। कंपनी ने इनमें से कुल 583 को ब्‍लॉक किया है।

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