New Delhi : ईरान ने ही कराया था इजरायली दूतावास धमाका, ऐसे दिया अंजाम
नई दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए आईडी धमाके को एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भारत की आतंकरोधी एजेंसी ने संदिग्धों की एक सूची तैयार की है और अपनी जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट में बताया है कि इस धमाके के पीछे ईरान कुद्स फोर्स का हाथ था।
सूत्रों के मुताबिक ईरानी कुद्स फोर्स इस आतंकी साजिश के पीछे था लेकिन यह बम एक स्थानीय भारतीय शिया मॉड्यूल ने प्लांट किया था। इतना ही नहीं जानबूझकर ऐसे सबूत छोड़े गए जिससे हमले के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का हाथ लगे लेकिन आतंकरोधी एजेंसियां अब यह पुख्ता कर चुकी हैं कि यह हमला ईरान की कुद्स फोर्स ने इजरायल के खिलाफ किया था।
पहचान जाहिर न करने की शर्त पर हमले के पीछे ईरानी ऐंगल की जांच से जुड़े एक काउंटर टेरर एक्सपर्ट ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, ‘बम ज्यादा तीव्रता का नहीं था, न तो इसका लक्ष्य लोगों को नुकसान पहुंचाने का था। ऐसा इसलिए भी क्योंकि शायद ईरान भारत जैसे दोस्ताना रिश्ते वाले देश के साथ संबंध खराब नहीं करना चाहता था। लेकिन संदेश साफ था और खतरा भी असली थी।’
बता दें कि इसी साल 29 जनवरी को नई दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर कम तीव्रता वाला धमाका हुआ था। जांच में यह भी पता लगा है कि धमाका रिमोट कंट्रोल वाले डिवाइस से किया गया था। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता लगा है कि यह क्रूड बम था या फिर कुछ और। बम को लेकर फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट अभी आना बाकी हैं। हालांकि, जांच एजेंसियों का मानना है कि धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया उपकरण या तो इलेक्ट्रिक डिटोनेटर के साथ अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल एक्सप्लोसिव था या फिर PETN था। एजेंसियों को यह पता है कि धमाके के लिए जिस डिवाइस का इस्तेमाल किया गया उसमें अमोनियम पाउडर के अंश मिले हैं।
भारतीय एजेंसियों को घटनास्थल से एक चिट्ठी मिली थी जो भारत में इजरायली राजदूत रॉन मलका को लिखा गया था। चिट्ठी में मलका को आतंकी और आतंकी देश का शैतान बताया गया है। इस धमाके की जांच में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद भी भारतीय एजेंसियों का साथ दे रही है।
सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल से मिली चिट्ठी की जांच के बाद पता लगा है कि इसे लिखे जाने का अंदाज, चिट्ठी में लिखे गए नामों की स्पेलिंग से यह साफ है कि किसी ईरानी ने इसे लिखा है। संभवत: यह चिट्ठी किसी एजेंट द्वारा पहुंचाई गई है। इस चिट्ठी में ईरान कुद्स फोर्स के जनरल कासिम सुलेमानी और अबु मेहदी अल मुहंदीस की मौत का बदला लेने की बात थी। ये दोनों ही अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए थे।