घर-घर राशन: केजरीवाल बोले- हमें क्रेडिट नहीं चाहिए, योजना का नाम ही हटा रहे
हाइलाइट्स:
- घर-घर राशन योजना को लेकर आमने सामने केंद्र और केजरीवाल
- केंद्र सरकार ने योजना का साथ मुख्यमंत्री का नाम जोड़ने पर जताई थी आपत्ति
- केजरीवाल ने कहा- हमें कोई क्रेडिट नहीं चाहिए, हम योजना का नाम हटा रहे
नई दिल्ली
केजरीवाल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना (डोर स्टेप डिलिवरी ऑफ राशन) पर केंद्र सरकार ने ब्रेक लगा दिया। अब सीएम केजरीवाल ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को इस योजना के नाम पर आपत्ति थी। अगर यही आपत्ति है तो हमने योजना का नाम हटाने का फैसला किया और हमें कोई क्रेडिट नहीं चाहिए।
‘लोगों को लाइनों में न लगना पड़े, इसलिए लाई थी योजना’
अरविंद केजरीवाल ने कहा- ‘कुछ वर्ष पहले हमने य ह समाधान निकाला कि अगर हम बोरी में पैक करके लोगों का जितना राशन बनता है उतना सीधे उनके घर पहुंचा देते हैं तो लोगों को लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। उसी मकसद से मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना लाई गई थी। 25 मार्च से इस योजना की शुरुआत होनी थी, लेकिन कल दोपहर केंद्र सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी।’
‘अब इस योजना का कोई नाम नहीं होगा, हमें क्रेडिट नहीं चाहिए’
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘इस योजना पर रोक इसलिए लगाई गई क्योंकि केंद्र सरकार ने कहा कि आप इस योजना का नाम मुख्यमंत्री के नाम पर नहीं रख सकते। उनको शायद मुख्यमंत्री शब्द से आपत्ति है। हम यह योजना अपना नाम चमकाने या क्रेडिट के लिए नहीं कर रहे हैं। आज मैंने अफसरों के साथ मीटिंग करके कहा कि इस योजना का नाम हटा दो, अब इसका कोई नाम नहीं है। जैसे पहले केंद्र सरकार से राशन आता था और दुकानों के जरिए बांटा जाता था, अब यह घर-घर पहुंचाया जाएगा। मुझे लगता है कि इस निर्णय के बाद केंद्र की आपत्तियां दूर हो गई होंगी और अब वे इस पर रोक नहीं लगाएंगे।’
केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिखकर जताई थी आपत्ति
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को चिट्ठी लिखकर कहा है कि केंद्र की ओर से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राज्यों को राशन प्रदान किया जाता है, इसलिए इसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। केंद्र ने कहा है कि NFSA के तहत सब्सिडी वाला अनाज किसी भी राज्य-विशेष की योजना के लिए नए नाम से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।