जब तुम निक्कर में घूमते थे, मैं कांग्रेस… ‘अग्निपथ’ पर मनीष तिवारी ने साथी MP को बुरी तरह झाड़ा
हाइलाइट्स
- भारत सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे हैं प्रदर्शन
- कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किया था योजना का समर्थन
- उन्हीं की पार्टी के सप्तगिरि उलाका ने कहा, पार्टी का स्टैंड अलग
- भड़के तिवारी बोले- जब तुम निक्कर में थे, तब से मैं कांग्रेस में हूं
मनीष तिवारी ने सप्तगिरि उलाका को नसीहत दी कि वे ‘ऐसे दुष्टता भरे ट्वीट्स करने से बाज आएं।’ कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित देसाई ने तिवारी के इस ट्वीट पर कहा कि ‘अग्निपथ पर आपका स्टैंड बड़ा अजीब लगा। संभव है कभी पार्टी की बात से सहमति ना हो, पर जब देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ करें तब यह सिर्फ अलग दिखने के लिए सरकार के झांसे में आना दुखद है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा बाजार के नजरिए से नहीं देखना चाहिए।’
तिवारी ने ‘अग्निपथ’ योजना पर क्या कहा था?
तिवारी ने गुरुवार शाम को एक ट्वीट में सीधे तौर पर नई योजना का समर्थन नहीं किया, मगर उसे जरूरी बताया। उन्होंने लिखा, ‘अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया को लेकर जिन युवाओं को चिंता है, उनसे मेरी सहानुभूति है। वास्तविकता यह है कि भारत को एक युवा सैन्य बल की जरूरत है जो तकनीक में पारंगत हो, सबसे बेहतरीन हथियारों से लैस हो। संघ के सैन्य बल रोजगार गारंटी कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।’
I do empathise with youth who have concerns over Agnipath recruitment Process.Reality is India needs a younger armed force with lighter human footprint savvy on technology, equipped with state of art weaponry. Armed forces of Union shouldn’t be an employment guarantee programme
— Manish Tewari (@ManishTewari) June 16, 2022
नई भर्ती योजना पर कांग्रेस का क्या स्टैंड है?
शनिवार को कांग्रेस ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘सरकार की नई योजना को लेकर देश का माहौल देख ही रहे हैं। सरकार इस योजना को लाने का कारण आर्थिक बता रही है, कई विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने के बाद यह पता लगा है कि यह योजना दिखाने के लिए आर्थिक है लेकिन असल में सरकार की नियत कुछ और है। सरकार संघ की मानसिकता को सेना में लाना चाहती है।’ कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘वन रैंक वन पेंशन का सरकार का वायदा था और संकल्प था, लेकिन आज वास्तविक स्थिति क्या है? यदि अग्निपथ योजना लागू हो गई तो वन रैंक वन पेंशन का वायदा हो जाएगा, ‘नो रैंक, नो पेंशन, सिर्फ टेंशन, विदआउट डायरेक्शन।’
CAPF और असम राइफल्स में मिलेगा ‘अग्निवीरों’ को मौका
‘अग्निपथ’ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को महत्वूपर्ण घोषणा की है। होम मिनिस्ट्री ने सुबह ट्विटर पर लिखा, ‘गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्रिवीरों के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। साथ ही गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी।’
केंद्र ने सशस्त्र बलों में लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर जवानों की भर्ती के लिए हाल ही में ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के विरोध में देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए हैं। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि योजना को वापस लिया जाए। रेग्यूलर भर्ती खोली जाए। 4 साल की नौकरी किसी को पसंद नहीं है। वहीं केंद्र सरकार के मंत्री, सेना के बड़े अधिकारी और बीजेपी नेता योजना के फायदे गिना रहे हैं।