कोरोना से लड़ाई में जरूरी हैं इन सवालों के जवाब, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
हाइलाइट्स:
- यदि आपको हल्का बुखार या खांसी महसूस हो तो परिवार के लोगों से दूरी बना लें
- कोविड टेस्ट के लिए नजदीकी सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरी या लैब जा सकते हैं
- यदि हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं तो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं
नई दिल्ली
देश में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अप्रैल में ही कोरोना के 66 लाख से अधिक मामले आ चुके हैं। इस बार स्थिति यह है कि एक ही परिवार के कई सदस्य एक साथ बीमार पड़ रहे हैं। कोरोना से जान गंवाने वालों में कम उम्र के लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोगों को पहले से अधिक सजगता के साथ कोविड नियमों का पालन करने की जरूरत है। कोरोना को लेकर लोगों के मन में अभी भी कई सवाल हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के बारे में जिनके जवाब आपके लिए जानना जरूरी है।
सवाल : क्या करें अगर हल्का बुखार या खांसी आए?
जवाब : अगर आपको हल्का बुखार या खांसी महसूस होती है तो अपने परिवार के लोगों से थोड़ी दूरी बना लें और घर में मास्क पहनकर रहें। डॉक्टर से संपर्क करें और साथ ही इस स्थिति में आपको टेस्ट भी करवाना चाहिए ताकि अगर कोरोना हो तो समय से उसका पता चल सके।
सवाल :कोविड-19 टेस्ट कैसे कराएं?
जवाब : कोविड टेस्ट करवाने के लिए आप अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरी या लैब में जा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी तरह के डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं है। यदि आप सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरी में जाते हैं तो यहां आपका टेस्ट बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। वहीं यदि आप प्राइवेट लैब में जाते हैं तो यहां टेस्ट के लिए आपको 800 रुपये चुकाने होंगे।
सवाल : कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें?
जवाब : जब आप टेस्ट करवाकर आएं तो खुद को आइसोलेट कर लें। इसके बाद यदि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। यदि आपको लगता है कि तबियत ज्यादा खराब है तो अस्पताल का रूख किया जा सकता है लेकिन यदि हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं तो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। होम आइसोलेशन में खुद को एक कमरे में आइसोलेट कर लें। यदि एक्स्ट्रा कमरा नहीं है तो उसी कमरे में एक स्पेस तैयार कर लें और अपने सोने, बैठने, खाने आदि के लिए उसी स्पेस का इस्तेमाल करें। सबसे जरूरी कि घर पर मास्क पहनकर रखें और समय-समय पर हाथ धोते रहें। अपने बर्तन, तौलिया आदि सामान को अलग कर लें।
सवाल :होम आइसोलेशन पर दवा और सलाह के तरीके?
जवाब : होम आइसोलेशन में चार से पांच दिन की दवा दी जाती है। इसमें आपके लक्षण के आधार पर दवा तय की जाती है। अमूमन इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, एंटीबायोटिक शामिल रहती है। चूंकि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस टीम आपसे संपर्क करती हैं इसलिए दवाएं भी उनकी तरफ से दी जाती है। यदि आप उनकी दवाओं के बजाय अपने डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहते हैं और उनकी बताई दवाएं खाना चाहते हैं तो वह भी आप कर सकते हैं। दवा के अलावा दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे और दो बार स्टीम लेने के लिए भी कहा जाता है।
सवाल :कैसे नजर रखें तबीयत पर, क्या हैं वाइटल पैरामीटर?
जवाब : डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस टीम आपको दवाओं के साथ पल्स ऑक्सीमीटर भी मुहैया करवाती है। इस ऑक्सीमीटर के जरिए आपको रोजाना दिन में दो बार अपना ऑक्सिजन लेवल और पल्स रेट चेक करना होता है। इसके अलावा आपको दिन में दो बार फीवर भी चेक करना होगा। इन सभी की जानकारी लेने के लिए डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस टीम आपसे रोजाना संपर्क करेगी।
सवाल : किस पैरामीटर के बिगड़ने पर क्या करें?
जवाब : डॉक्टर्स के मुताबिक आपका ऑक्सिजन लेवल यदि 94 से नीचे आता है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उन्हें इस स्थिति के बारे में बताना चाहिए। यदि यह 94 से लगातार कम होता है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। वहीं पल्स रेट 100 से ज्यादा होने पर भी एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। साथ ही यदि आपका बॉडी टैंपरेचर 100 से ज्यादा होगा तो आपको सर्विलांस टीम या अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
सवाल :ऑक्सिजन बेड और आईसीयू बेड में अंतर, कब किसकी जरूरत?
जवाब : यदि आपका ऑक्सिजन लेवल 94 से लगातार कम हो रहा है तो आपको ऑक्सिजन लगाया जाता है। ऑक्सिजन बेड पर आपके बीपी, पल्स रेट, ऑक्सिजन लेवल आदि को जांचने के लिए डॉक्टर को खुद आना पड़ता है। वहीं आईसीयू बेड पर इमरजेंसी या जिसकी व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति बेहद खराब होती है, उसे रखा जाता है। इस पर एक स्क्रीन होती है जिसमें आपका बीपी, पल्स रेट, ऑक्सिजन लेवल अपने आप मॉनिटर होता रहता है।
सवाल : ऑक्सिजन के लिए कहां से संपर्क करें?
जवाब : यदि आपको लगता है कि आपका ऑक्सिजन लेवल लगातार कम हो रहा है तो आपको अस्पताल जाने की जरूरत है। आप सरकारी या प्राइवेट अस्पताल जहां सकते हैं जहां आपको ऑक्सिजन लगाई जाती है। वहीं कई कंपनियां हैं जहां से ऑक्सिजन कंसंट्रेटर खरीदा जा सकता है। यदि आपको अस्पतालों में ऑक्सिजन बेड नहीं मिल रहा है तो आप निजी कंसंट्रेटर खरीद सकते हैं। इसके अलावा कई लोग इस वक्त ऑक्सिजन की समाज सेवा भी कर रहे हैं और जरूरतमंदों तक ऑक्सिजन पहुंचा रहे हैं।
सवाल : प्लाज्मा के लिए कहां से संपर्क करें?
जवाब : दिल्ली सरकार की तरफ से राजधानी में कई जगह प्लाज्मा बैंक भी बनाए गए हैं। यहां से आप प्लाज्मा ले सकते हैं। इसका पूरा पता आपको गूगल पर मिल जाएगा। वैसे मेन प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस अस्पताल में खुला है। हालांकि यहां से आपको प्लाज्मा लेने के लिए एक डोनर को भी साथ ले जाने की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से कुछ दिन पहले रिकवर हुआ है तो आप उनसे भी संपर्क कर सकते हैं और उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कह सकते हैं।
सवाल : रेमडेसिविर इंजेक्शन क्या है और कब इसकी जरूरत पड़ती है, कहां से मिलेगा?
जवाब : रेमडेसिविर दवा का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों पर किया जाता है। 7 दिनों के भीतर ही इसका इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इस दवा को लेकर कई देशों में गंभीर मरीजों पर स्टडी की गई हैं लेकिन उनमें किसी भी मरीज में इसका फायदा नहीं देखा गया है। आजकल मार्केट में रेमडेसिविर आसानी से नहीं मिल रहा है लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से हाल ही में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं जिन पर कॉल करके आप यह जानकारी ले सकते हैं कि आपको यह इंजेक्शन कहां से मिल सकता है। यदि आप ईस्ट, नॉर्थ ईस्ट, साउथ, सेंट्रल, नई दिल्ली या नॉर्थ दिल्ली में रहते हैं तो आप 011-22393705 नंबर पर कॉल कर सकते हैं। वहीं अगर आप नॉर्थ वेस्ट, साउथ वेस्ट या वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में रहते हैं तो 9494129281 या 9000098558 पर कॉल कर सकते हैं।
सवाल : एंबुलेंस कहां से मिलती है?
जवाब : एंबुलेंस के लिए आपको 102 पर कॉल करना होगा। इसके अलावा यदि आपकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव है तो जो डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस टीम आपसे संपर्क करती है, वह आपको ‘जीवन सेवा’ ऐप डाउनलोड करने को कहेंगे। यह एक इलेक्ट्रिक टैक्सी बेस्ड ऐप है। इसके जरिए आप स्थिति गंभीर होने पर अस्पताल जा सकते हैं और आपको कोई पैसा नहीं चुकाना होगा। साथ ही कई प्राइवेट कंपनियां भी एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाती हैं।