दो कदम चलते ही सांस फूलने लगती है, आज भी ‘जहरीली’ है दिल्ली-NCR की हवा
हाइलाइट्स
- ठंड बढ़ने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहा है वायु प्रदूषण
- बुधवार सुबह भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 380 से ज्यादा रहा
- मंगलवार को 400 के पार चला गया था राजधानी दिल्ली का AQI
- दिल्ली सरकार ने महीने भर के लिए 5 सूत्रीय कार्यक्रम किया है तैयार
नई दिल्ली
दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। ठंड बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषण भी चिंताजनक रफ्तार से बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहरों में लोग वायु प्रदूषण की वजह से सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। घुटन का आलम ऐसा है कि दो कदम चलते ही सांस फूलने लगती है। बुधवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 382 दर्ज किया गया जो कि ‘बेहद खराब’ है। पृथ्वी मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी SAFAR ने हेल्थ एडवायजरी में लोगों को जहां तक हो सके, बाहर कदम न रखने की सलाह दी है।
SAFAR के मुताबिक, बादलों की वजह से मिक्सिंग हाइट अगले दो दिनों तक कुछ कम रहेगी, जिसकी वजह से स्मॉग दिख सकता है। लेकिन एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर बनेगा और लोगों की परेशानियां खत्म नहीं होंगी। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जुड़े ताजा अपडेट्स के लिए बने रहें हमारे साथ।
क्यों छाई है धुंध की चादर?
यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर उत्सव शर्मा का कहना है कि पंजाब की तरफ से हवाएं चल रही है। इसलिए वहां की पराली का धुआं दिल्ली-एनसीआर में आ रहा है। तीन से चार दिन तक ऐसा ही रहने की संभावना है। हवा की दिशा बदलने या फिर स्पीड बढ़ने के बाद ही प्रदूषण से राहत मिल सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदूषित हवा को साफ करने के लिए 10 से 12 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने की जरूरत है। जबकि पराली के प्रदूषण से राहत के लिए करीब 18 से 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलनी चाहिए। फिलहाल अभी हवा की स्पीड बहुत कम है। इस वजह से दिल्ली-एनसीआर के ऊपर बनी धुंध की चादर नहीं हट रही है।
- सोमवार को हल्की गिरावट के बाद मंगलवार को राजधानी का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 से ऊपर चला गया। बुधवार सुबह भी हवा की क्वालिटी ‘बेहद खराब’ रही।
- दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में सभी विभागों की बैठक में तय किया गया कि 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक खुले में आग जलाने के खिलाफ कैंपेन चलाया जाएगा। 10 विभागों की 550 टीमें यह काम करेंगी। धूल उड़ाने के खिलाफ भी एक महीने का अभियान चलेगा। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अब 400 टैंकरों से पानी का छिड़काव किया जाएगा। डीजल जेनसेट और कोल भट्ठियां बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। लोग अपनी गाड़ियों का कम इस्तेमाल करें, इसके लिए मेट्रो और बस के फेरे बढ़ाए जाएंगे। आरडब्ल्यूए को अपने गार्डों को हीटर देने के निर्देश दिए गए हैं।
- अक्टूबर के अंतिम दिनों में पराली जलाने के सिलसिले ने जोर पकड़ा और इसके बाद यह अब तक जारी है। हालांकि पिछले दो दिनों से पराली जलाने और पराली प्रदूषण में लगातार कमी आ रही है।