चीनी सेना ने किया हिमालय की चोटी पर कब्जे का महाभ्यास, भारत को ‘चेतावनी’
हाइलाइट्स
- चीन की सेना पीएलए ने तिब्बत में हिमालय की चोटियों पर कब्जा करने का बड़ा अभ्यास किया है
- इस अभ्यास में चीनी सेना की 10 से ज्यादा लड़ाकू टुकड़ियों ने हिमालय की चोटी पर कब्जा किया
- चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना के इस अभ्यास का मकसद भारत को चेतावनी देना था
बीजिंग
चीन की सेना पीएलए ने तिब्बत में हिमालय की चोटियों पर कब्जा करने का बड़ा अभ्यास किया है। इस अभ्यास में चीनी सेना की 10 से ज्यादा लड़ाकू टुकड़ियों ने ‘शत्रु’ के कब्जे वाली हिमालय की एक चोटी फिर से कब्जा करने का व्यापक अभ्यास किया है। चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना के इस अभ्यास का मकसद भारत को चेतावनी देना था। इससे पहले भारत ने लद्दाख विवाद के दौरान चीनी सेना को चौकाते हुए कैलाश रेंज की चोटियों पर कब्जा कर लिया था।
माना जा रहा है कि इसी का जवाब देने के लिए चीनी सेना ने तिब्बत में चोटियों पर फिर से कब्जा करने का अभ्यास किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से लगी सीमा को देखने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड ने अपनी सेना के कई ब्रिगेड को इकट्ठा किया और उसे दो टीमों में बांट दिया गया। एक का नाम पीएलए और दूसरे का नाम ‘ब्लू आर्मी’ दिया गया था।
पीएलए ने चोटी पर तोपखाने से भारी गोलाबारी किया
रिपोर्ट में कहा गया है कि दो दिन और एक रात तक चले अभ्यास के दौरान पीएलए ने चोटी पर तोपखाने से भारी गोलाबारी किया और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हमले किए। इस दौरान दुश्मन पर निगरानी की गई और जासूसी को भी अंजाम दिया गया। इस दौरान एक 12 सदस्यीय दल ने 6100 मीटर की ऊंचाई तक का चढ़ाई चढ़ी ताकि हमले के लिए सही-सही डेटा इकट्ठा किया जा सके। इस दौरान ब्लू आर्मी का डेटा इकट्ठा करने के बाद उसे तत्काल कमांड सेंटर को भेजा गया।
इसके बाद चीनी तोपों ने एकदम सटीक गोलाबारी शुरू कर दिया। इस ड्रिल के दौरान एक ड्रोन एयरक्राफ्ट को मार गिराने का अभ्यास किया गया। इस दौरान ड्रोन को भ्रमित करने के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार का इस्तेमाल किया गया। पीएलए ने अपने दुश्मन को मार गिराने के लिए ड्रोन विमान भेजे और उन्होंने बम गिराए। कई घंटे तक गोलाबारी, हथियारबंद हेलिकॉप्टर से हमले, स्नाइपर के इस्तेमाल से 4800 मीटर की ऊंचाई पर दुश्मन से हिमालय की चोटी को छीन लिया गया।
मकाऊ स्थित एक चीनी विशेषज्ञ का कहना है कि यह तिब्बत के सैनिकों की तैयारी को दिखाता है। एक अन्य चीनी विशेषज्ञ झोउ चेनमिंग कहते हैं कि ब्लू आर्मी से यहां मतलब भारतीय सेना से था। उन्होंने कहा कि इस वीडियो का मकसद तिब्बत के माउंटेन ब्रिगेड का भारतीय पक्ष को चेतावनी देना था। उन्होंने कहा कि चीनी सेना की बाइयूनशान रेजिमेंट युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है।