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यूक्रेन के पूर्वी इलाके में पहुंचे रूसी टैंक, सेना बनाएगी अड्डा, जानें क्‍या है पुतिन का प्‍लान

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हाइलाइट्स

  • पुतिन के आदेश पर बड़ी संख्‍या में रूसी सेना के टैंक पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही इलाके में पहुंच गए हैं
  • इससे पहले पुतिन ने यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्की को अलग देश के रूप में मान्‍यता दे दी थी
  • रूसी सेना के पहुंचने के बाद पुतिन की कोशिश यूक्रेन की सेना के किसी भी हमले को रोकने की है

कीव/मास्‍को
रूस के राष्‍ट्रपति के व्‍लादिमीर पुतिन के आदेश पर बड़ी संख्‍या में रूसी सेना के टैंक पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही इलाके में पहुंच गए हैं। इससे पहले पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोही इलाके में डोनेट्स्क (donetsk) और लुहान्स्की (luhansk) को अलग देश के रूप में मान्‍यता दे दी थी। रूसी सेना के पहुंचने के बाद पुतिन की कोशिश डोनेट्स्क और लुहान्स्की में यूक्रेन की सेना के किसी भी हमले को रोकने की है। इसके लिए रूस अब दोनों ही इलाके में सैन्‍य अड्डा बनाने जा रही है। इससे रूसी सेना अब लंबे समय तक यूक्रेन के विद्रोही इलाके में रह सकेगी।

यूक्रेन के दोनों ही अलग हुए इलाकों और रूस के बीच हुए नए समझौते के मुताबिक दोनों अलग हुए इलाकों को रूस सैन्‍य सहायता मुहैया कराएगा। पुतिन ने इस फैसले के बाद अपने भाषण में कहा कि डोनेट्स्क और लुहान्स्की को अलग देश के रूप में मान्‍यता देने के फैसले को बहुत पहले ही कर लिया जाना चाहिए था। यूक्रेन में सेना भेजने वाले पुतिन ने उल्‍टे कीव से कहा कि वे तत्‍काल हिंसक कार्रवाई को बंद कर दें। उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन ने हमले नहीं रोके तो आगे भीषण रक्‍तपात की जिम्‍मेदारी उसकी होगी।

 

 

आधुनिक यूक्रेन का निर्माण पूरी तरह से रूस ने किया: पुतिन
पुतिन ने कहा, ‘यूक्रेन हमारे लिए केवल एक पड़ोसी देश नहीं है बल्कि हमारे इतिहास, संस्‍कृति और आध्‍यात्मिक दुनिया का अभिन्‍न हिस्‍सा है। वे हमारे साथी हैं, हमारा परिवार हैं और वहां के लोगों से हमारा खून का रिश्‍ता है।’ राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘आधुनिक यूक्रेन का निर्माण पूरी तरह से रूस ने किया है। इस प्रक्रिया की शुरुआत साल 1917 की क्रांति के ठीक बाद शुरू हो गया था।’ उन्‍होंने कई ऐतिहासिक उदाहरण देकर यूक्रेन को रूस की संस्‍कृति और इतिहास का हिस्‍सा बताया।

पुतिन के इस ऐलान के साथ ही अब मॉस्को समर्थित यूक्रेनी विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर सैन्‍य बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। इससे पहले, यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ‘खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से’ उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें।

यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में 30,000 सैनिकों की तैनाती
रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी। पुतिन ने रूसी सांसदों से यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया, जिससे कि उन्हें मॉस्को का सैन्य समर्थन मिल सके। वहीं, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया। इससे पहले रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।

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