‘रहस्यमयी बुखार’ से डरें नहीं दिल्लीवाले, वक्त पर लक्षण देखकर कराएं इलाज
यह गोल और ब्लैक मार्क होता है। आधे से अधिक में यह निशान नहीं भी होता है। एक बार डायग्नोस होने पर इसका इलाज संभव है। लेकिन, देरी से इलाज होने पर इसका असर शरीर के कई अंगों पर हो सकता है और यह जानलेवा साबित हो जाता है।
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