ईशनिंदा में श्रीलंका के नागरिक को जिंदा जलाने वाले पाकिस्तानी हैवानों से मिलिए, तर्क सुनकर दंग रह जाएंगे
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भीड़ ने शुक्रवार को श्रीलंका के एक नागरिक की कथित तौर पर ईशनिंदा के मामले में पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को जला दिया। पंजाब पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर से करीब सौ किलोमीटर दूर सियालकोट जिले की एक फैक्टरी में करीब 40 वर्षीय प्रियंता कुमारा महाप्रबंधक के तौर पर काम करते थे। अब श्रीलंकाई नागरिक के हत्यारों का एक वीडियो सामने आया है जिसमें इन्हें हत्या की बात कबूल करते देखा जा सकता है।
यह वीडियो लेखक तारेक फतह ने ट्वीट किया है। इसमें भीड़ को- ‘हजूर आपके नाम पर, जां भी कुर्बान’- का नारा लगाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, ‘पाकिस्तान के सियालकोट में श्रीलंका के एक शख्स के हत्यारे गर्व के साथ शेखी बघार रहे हैं कि कैसे उन्होंने ईशनिंदा के संदेह पर उसे जिंदा जला दिया। हत्यारों में अपराध की सजा का कोई डर नहीं दिख रहा है।’ उन्होंने लिखा, ‘उनका दुस्साहस उनके पास मौजूद दंड से मुक्ति की भावना को दिखाता है।’
The killers of a #SriLanka man in #Sialkot #Pakistan boast with pride how they burnt him alive on suspicion of #blasphemy. They demonstrate no fear of consequences 4 the murderous crime.
Their audacity reflects their feeling of impunity they possess.pic.twitter.com/y5jrsOHRcl
— Tarek Fatah (@TarekFatah) December 3, 2021
‘गुस्ताखी करने वालों का सिर तन से किया जाएगा जुदा’
भीड़ में एक शख्स को कहते सुना जा सकता है, ‘जो भी नबियों की शान में गुस्ताखी करेगा, उसका सिर तन से जुदा किया जाएगा।’ सोशल मीडिया पर कई वीडियो जारी हुए जिसमें दिख रहा था कि श्रीलंकाई नागरिक के शव को घेरे सैकड़ों लोग खड़े हैं। वे टीएलपी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी उमर सईद मलिक ने पत्रकारों से कहा कि श्रीलंका के नागरिक की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
ईशनिंदा पर मौत की सजा का भी प्रावधान
इस्लाम को बदनाम करने को लेकर पाकिस्तान में काफी कड़ा कानून है और इसमें मौत की सजा का भी प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन कानूनों का अकसर निजी दुश्मनी साधने में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिकी सरकार के सलाहकार पैनल की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया के किसी भी देश की तुलना में पाकिस्तान में सबसे अधिक ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल होता है।