सूतक में पीएम मोदी से कराया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का पूजन? पुजारी के खिलाफ जांच शुरू
हाइलाइट्स
- विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पं. श्रीकांत मिश्रा पर आरोप
- चचेरे भाई के निधन की छिपाई बात, जांच शुरू
वाराणसी
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के मौके पर शास्त्री विधान के विपरीत प्रधानमंत्री का पूजन कराने को लेकर विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पं. श्रीकांत मिश्रा पर लगे आरोपों की जांच शुरू हो गई है। सूबे के धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने मंदिर प्रशासन से सभी पक्षों से जानकारी लेकर रिपोर्ट मांगी है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि जांच की जिम्मेदारी अपर कार्यपालक अधिकारी को दी गई है। वहीं, अर्चक श्रीकांत मिश्र का कहना है कि मंदिर प्रशासन की ओर से पक्ष मांगा गया है, उसे एक-दो दिन में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
13 दिसंबर को विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद गर्भगृह में पीएम मोदी ने पूजा की थी। मंदिर से जुड़े लोगों की आपत्ति के बाद मंदिर के अर्चक पं. श्रीकांत मिश्रा के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
‘सूतक होने की बात छिपाई’
विश्वनाथ मंदिर के पूर्व न्यासी दीपक बजाज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि अर्चक श्रीकांत मिश्र ने चचेरे भाई का निधन होने से सूतक काल में रहते हुए विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की पूजा कराई थी। उन्होंने सूतक में होने की बात छिपाई थी। ऐसा करके उन्होंने सनातन परंपरा का अपमान करने के साथ अनिष्ट को आमंत्रण दिया है। सूतक ग्रस्त अर्चक द्वारा पूजापाठ कराया जाना तो दूर विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करना भी शास्त्र सम्मत नहीं है।
‘प्रधानमंत्री की पूजा क्यों कराई?
पूर्व न्यासी ने पत्र में बताया है कि अर्चक श्रीकांत मिश्र के मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में रहने वाले चचेरे भाई रविकांत मिश्र के पुत्र वेदप्रकाश का सड़क हादसे में 5 दिसंबर को निधन हो गया था। 18 दिसम्बर को वेदप्रकाश के त्रयोदशाह में शामिल होने के लिए उनकी मां और पत्नी नरसिंहपुर गई थीं। ऐसी स्थिति में सूतक काल में रहते हए श्रीकांत मिश्र ने इतने बड़े महाआयोजन से खुद को दूर न रखते हुए प्रधानमंत्री की पूजा क्यों कराई?