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पीएम मोदी के पैर छूने बढ़ा कार्यकर्ता, मोदी ने पलटकर छू लिए उन्‍हीं के पैर

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हाइलाइट्स:

  • पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी की रैली
  • कांठी में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे प्रधानमंत्री मोदी
  • मंच पर चढ़े एक भाजपा कार्यकर्ता ने की पैर छूने की कोशिश
  • मोदी ने पलटकर उन्‍हीं के पैर छू लिए, फिर हाथों से उठाया

नई दिल्‍ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक चुनावी रैली में एक अनूठा नजारा दिखाया। कांठी में मंच पर पार्टी का एक कार्यकर्ता मोदी के पैर छूने आगे बढ़ा। मोदी भी पलटकर उनकी तरफ बढ़े और झुककर प्रणाम किया और उनके पैर छू लिए। बीजेपी ने यह वीडियो शेयर करते हुए इसे ‘संस्‍कार का भाव’ बताया। पार्टी ने आधिकारिक हैंडल से लिखा कि ‘भाजपा एक ऐसा सुसंस्कृत संगठन है, जहां कार्यकर्ताओं में एक-दूसरे के प्रति समान संस्कार का भाव रहता है।’

…और मोदी ने छू लिए पैर
मोदी जनसभा को संबोधित करने मंच पर पहुंचे। इसके बाद उन्‍होंने वहां मौजूद नेताओं और जनता का अभिवादन किया। फिर कुर्सी पर बैठ गए। इसी बीच गमछा डाले एक कार्यकर्ता उनकी तरफ हाथ जोड़े बढ़ता है। दूसरी तरफ पीएम मोदी किसी को खड़े होकर नमस्‍कार करते हैं। जैसे ही वो फिर बैठते हैं, यह कार्यकर्ता उनके पैर छूने को बढ़ता है। मोदी उठ खड़े होते हैं और उन्‍हें हाथों से उठाने की कोशिश करते हैं और फिर उनके पैर छू लेते हैं।

बंगाल का किसान भूल नहीं सकता कि कैसे दीदी ने निर्ममता दिखाई है। दीदी ने आपको पीएम किसान सम्मान निधि से वंचित रखा। ये पैसे TMC सरकार को किसानों तक नहीं पहुंचने देना था, ये पैसे दिल्ली से भारत सरकार किसानों के खाते में जमा करना चाहती थी लेकिन दीदी किसानों से दुष्मनी लेकर बैठ गई। किसानों के खाते में भारत सरकार के पैसे नहीं जाने दिए।

पीएम मोदी, बंगाल की चुनावी रैली में


मोदी ने रैली में ममता बनर्जी पर साधा निशाना
मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए रैली में मोदी ने कहा, “दीदी आजकल मेदिनीपुर में आकर बार-बार बहाने बना रही हैं। दीदी उन बहनों, उन परिवारों को जवाब नहीं दे पाईं जिनको पहले अम्फान ने तबाह किया और फिर तृणमूल के टोलाबाज़ों ने लूट लिया। यहां केंद्र सरकार ने जो राहत भेजी थी, वो ‘भाइपो विंडो’ में फंस गई। जब जरूरत होती है तो तब दीदी दिखती नहीं, जब चुनाव आता है तो कहती हैं- सरकार दुआरे-दुआरे! यही इनका खेला है। पश्चिम बंगाल, यहां का बच्चा-बच्चा, ये खेला समझ गया है।”

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