Cattle burp tax: पशुओं की डकार पर किसानों को देना होगा टैक्स, जानिए किस देश में हो रही है इसकी शुरुआत
नई दिल्ली: मवेशियों की डकार पर अब किसानों को टैक्स (tax on cattle burp) चुकाना होगा। ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदारी ग्रीनहाउस गैसों की समस्या से निपटने के लिए न्यूजीलैंड यह कदम उठाने जा रहा है। वह मवेशियों के डकारने पर किसानों से टैक्स वसूला जाएगा। न्यूजीलैंड में ग्रीनहाउस गैस की समस्या में पशुओं के डकार का सबसे ज्यादा योगदान है। रिसर्च के मुताबिक मवेशियों की डकार से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। न्यूजीलैंड सरकार ने इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है। इस योजना के लागू होने पर किसानों को 2025 से अपने मवेशियों की डकार पर टैक्स देना होगा। इस योजना के जरिये वसूले गए टैक्स को किसानों के लिए रिसर्च, विकास और सलाहकार सेवाओं में लगाया जाएगा।
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पचास लाख की आबादी वाले न्यूजीलैंड में लगभग एक करोड़ मवेशी और 2.6 करोड़ भेड़ें हैं। देश की इकॉनमी में एग्रीकल्चर खासकर पशुपालन की बड़ी भूमिका है। लेकिन न्यूजीलैंड के कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आधा से अधिक एग्रीकल्चर से आता है। एग्रीकल्चर से होने वाले उत्सर्जन में मीथेन गैस मुख्य है। पहले देश की उत्सर्जन ट्रेडिंग योजना से एग्रीकल्चर एमिशन को बाहर कर दिया गया था जिससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। करीब 40 फीसदी मीथेन नेचुरल सोर्सेज से आती है। इसमें चावल की खेती और पशुपालन भी शामिल है।
कब से लगेगा टैक्स
न्यूजीलैंड के किसानों को 2025 से मवेशियों की डकार से हुए गैस उत्सर्जन के लिए टैक्स देना होगा। एग्रीकल्चर से जिन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, उसमें मुख्य मीथेन गैस है। कुछ गैसें ऐसी होती हैं, जो वायुमंडल में लंबे समय तक रहती है जबकि कुछ कम समय तक ही रहती हैं। किसानों को गैसों के उत्सर्जन की अवधि के अनुसार टैक्स लगेगा।
न्यूजीलैंड के क्लाइमेट चेंज मंत्री जेम्स शॉ ने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है कि जो मीथेन गैस वायुमंडल में छोड़ी जा रही है, उस पर टैक्स लगेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर पर एक प्रभावी एमिशन प्राइसिंग सिस्टम की अहम भूमिका होगी। सरकार के इस प्रस्ताव में उन किसानों के लिए इंसेंटिव भी हैं, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे। इसमें फीड में बदलाव और फार्म्स में प्लांटेशन शामिल है। इससे उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।