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3 हिंदू संतों का कहा था घृणा फैलाने वाला, ऑल्‍ट न्‍यूज के मोहम्‍मद जुबैर के खिलाफ रद्द नहीं होगी FIR

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को तगड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्होंने इस महीने की शुरुआत में एक ट्वीट के लिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी थी। ट्वीट में 3 हिंदू संतों यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘हेट मांगर’ यानी घृणा फैलाने वाला कहा था।

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जुबैर के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में यूपी पुलिस ने आईपीसी की धारा 295-ए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए जुबैर ने दावा करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जुबैर ने किया था ये दावा
याचिका में मोहम्मद जुबैर ने कहा था कि उन्होंने अपने ट्वीट में उन्होंने किसी वर्ग की धार्मिक आस्था का अपमान नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके खिलाफ एफ.आई.आर. केवल उत्पीड़न के लिए दर्ज की गई है, इसलिए इसे रद्द किया जाए।

कोर्ट ने इसलिए खारीज की याचिका
जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ याचिका खारिज करते हुए कहा कि पूरा मामला केवल एक समयपूर्व चरण में है और पंजीकरण की तारीख पर किए गए कुछ प्रारंभिक प्रयासों को छोड़कर मामले की जांच अभी तक आगे नहीं बढ़ी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया मामला वर्तमान चरण में बनता है और मामले में जांच के लिए पर्याप्त आधार प्रतीत होता है।

क्या है पूरा मामला?
जुबैर के खिलाफ हिंदुत्व संगठन राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिला प्रमुख भगवान शरण ने आरोप लगाया था कि जुबैर के ट्वीट से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचायी गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 27.05.2022 को, उन्होंने अपने ट्वीट देखा, जिसमें धार्मिक स्थल बड़ी संघट, पी.एस, खैराबाद और राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के राष्ट्रीय संरक्षक महंत बजरंग मुनि जी के खिलाफ ‘घृणा फैलाने वाले’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह भी आरोप लगाया गया कि जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर हिंदू यति नरसिम्हा नर सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप का अपमान भी किया है।

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