लंदन उच्चायोग पर हमला: अलर्ट के बावजूद UK नहीं समझा, अब अंग्रेजों को मिलेगा ‘जैसे को तैसा’ वाला जवाब
हाइलाइट्स
- लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में चूक, खालिस्तानी तत्वों ने किया था प्रदर्शन
- उच्चायोग को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिली जबकि हमले का खुफिया अलर्ट था: भारत
- ‘जैसे को तैसा’ वाले मोड में सरकार, ब्रिटिश इमारतों की सुरक्षा में कटौती की जाएगी
ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से भी कार्रवाई का इंतजार
नई दिल्ली की नाराजगी अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले से और बढ़ गई। अलगाववादी कट्टरपंथियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया और तोड़फोड़ करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर अलगाववादी झंडे लगा दिए। अमेरिकी सरकार के सीनियर अधिकारियों ने घटना की निंदा की लेकिन लोकल लेवल पर ऐक्शन नहीं हुआ है। इसी तरह, भारत ऑस्ट्रेलिया से भी सिख कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है।
भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने और इमारत से तिरंगा हटाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। हिंसक प्रदर्शन में दो सुरक्षा गार्ड घायल हो गए। लंदन के मेयर सादिक खान ने एक ट्वीट में कहा, मैं भारतीय उच्चायोग में हुई अव्यवस्था और तोड़-फोड़ की निंदा करता हूं। इस तरह के व्यवहार के लिए हमारे शहर में कोई जगह नहीं है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने इस घटना को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया।