पहले पूर्णिया बाद में किशनगंज और अब बांका, आखिर क्या है मदरसा में धमाके का सच ?
हाइलाइट्स:
- विस्फोट के बाद घटनास्थल पहुंची पुलिस को बताया गया था सिलेंडर ब्लास्ट
- जांच करने पहुंची एफएसएल की टीम ने कहा विस्फोटक के मिले हैं अंश
- मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन की हुई मौत : सूत्र
- पहले पूर्णिया उसके बाद किशनगंज और अब बांका
पटना।
तारीख 8 जून, दिन मंगलवार समय सुबह के 8 बजे, राज्य बिहार, जिला बांका में स्थित एक मदरसा, जहां तेज धमाके के बाद न सिर्फ आसपास का इलाका दहल उठा बल्कि पूरा का पूरा मदरसा ही ध्वस्त हो गया। बताया जाता है कि इस घटना में मदरसे के मौजूद कई लोग घायल हो गए जिन्हें पुलिस के पहुंचने के पहले ही हटा दिया गया। अब लोगों के मन में यह सवाल भी मुंह बाए खड़ा है कि अगर यह कोई दुर्घटना है तो घायलों को गायब क्यों किया गया।
जांच करने पहुंची एफएसएल की टीम ने कहा विस्फोटक के मिले हैं सबूत
मंगलवार को बांका में मदरसे में हुए विस्फोट की जांच करने पहुंचे फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अधिकारी के अनुसार जांच के क्रम में विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल करने के सबूत मिले हैं। हालांकि या जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है। मदरसे में विस्फोटक सामग्री अंश मिलने से या तो स्पष्ट हो गया कि मदरसे में किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही होगी। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा कि विस्फोटक आरडीएक्स था या फिर अमोनियम नाइट्रेट या फिर कोई अन्य प्रकार का बारूद था।
विस्फोट के बाद घटनास्थल पहुंची पुलिस को बताया गया था सिलेंडर ब्लास्ट
बांका मदरसा विस्फोट मामले में एक और बात चौंकाने वाली यह है कि इलाके के रहने वाले लोगों ने पहले गैस सिलेंडर के ब्लास्ट की वजह से मदरसा ध्वस्त होने की बात कही थी। स्थानीय पुरुष जिन्होंने सोमवार को यह बयान दिया था वह रातो रात उस इलाके को छोड़कर निकल गए। स्थानीय महिलाओं से पूछताछ के दौरान पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली। लेकिन मंगलवार की सुबह होते होते उस इलाके की महिलाओं को भी वहां से हटा दिया गया। घटना के बाद इलाके के लोगों का इस तरह से गायब हो जाना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है। सूत्र का कहना है कि मदरसे के अंदर एक बड़े ट्रंक में विस्फोटक सामग्री भर कर रखी गई थी। सोमवार की देर रात से ही विस्फोटक सामग्री से कुछ तैयार किया जा रहा था इसी दौरान विस्फोट हो गया और पूरा मामला सामने आ गया।
मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन की हुई मौत : सूत्र
मिली जानकारी के अनुसार विस्फोट के बाद कई लोग घायल हुए थे जिसमें मदरसे का इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन भी शामिल था। लेकिन उसकी मौत हो जाने की वजह से अज्ञात लोगों ने उसकी लाश को वहीं छोड़ दिया और बाकी के घायलों को अपने साथ ले गए। मंगलवार की देर शाम पुलिस को मदरसे के इमाम की लाश मिली। पुलिस ने इमाम के लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि मरने वाला इमाम झारखंड के देवघर का रहने वाला था।
मदरसा विस्फोट मामले में बीजेपी और आरजेडी ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
मंगलवार को बांका जिले मदरसे में हुए विस्फोट मामले में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा है कि सरकार को मामले की गंभीरतापूर्वक जांच करानी चाहिए। बीजेपी के ही एक दूसरे के विधायक ने कहा कि बिहार सरकार को तमाम मदरसा और मस्जिदों की जांच करानी चाहिए। ताकि यह पता लग सके बिहार के कितने मदरसे और मस्जिदों में इस तरह के विस्फोटक तैयार किए जा रहे हैं। बीजेपी विधायक का कहना है कि अगर सरकार ने अभी लगाम नहीं लगाया तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो सकती है। बीजेपी विधायक रामनारायण मंडल ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की कौन सी मानसिकता काम कर रही है और कौन लोग जुड़े हुए हैं। सरकार को इसकी भी जांच करानी चाहिए। वहीं लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व विधायक और पार्टी के प्रवक्ता विजय प्रकाश ने भी सरकार से पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच कराने की मांग की है।
पहले पूर्णिया उसके बाद किशनगंज और अब बांका
करीब 20 दिन पहले बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी में 200 से 250 की संख्या के बीच मुसलमानों ने दलित बस्ती पर हमला कर न सिर्फ दलितों की बस्ती में आग लगा दी थी बल्कि महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया था। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दलितों के दर्जनों घरों में आग लगा दी गई थी। अभी पूर्णिया के बायसी का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि दूसरे दिन किशनगंज में मुस्लिम बहुल इलाके में भी एक दलित की गड़ासे से काटकर हत्या कर दी गई थी। और अब ताजा मामला बांका जिले से जुड़ा हुआ है जहां मदरसा में विस्फोट की वजह से बिहार में आतंकी कनेक्शन के तार एक बार फिर से जुड़ने लगे हैं।
क्या आतंकी संगठन चुपचाप रच रहे हैं चिकन नेक को काटने की साज़िश
पश्चिम बंगाल में तीसरी बार ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद से मुस्लिम बहुल इलाकों में रह रहे हिंदुओं का पलायन शुरू हो चुका है। इधर बांग्लादेश की सीमा से लगे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भी संदिग्ध गतिविधियां लगातार देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि पिछले 7 साल से यानी जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है तभी से आतंकी संगठन देश के किसी भी हिस्से में किसी घटना को अंजाम देने में सफल नहीं हो सके। तो क्या आतंकी संगठनों ने अब खुलकर वार करने के बजाए पर्दे के पीछे बड़ी साजिश रचना शुरू कर दिया हैं। क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने जो चिकन नेक काटने की बात कही थी, आतंकी संगठन उसे पूरा करने में लगे हैं।
घटना के कई घंटे बाद भी है पुलिस के हाथ है खाली
बांका मदरसा विस्फोट की जांच करने खुद आईजी, डीआईजी स्तर के अधिकारी वहां पहुंच चुके हैं। एफएसएल की टीम भी जांच कर रही है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि घटना के 30 घंटे बाद भी पुलिस अब तक यह नहीं पता लगा पाई है कि आखिरकार मदरसे के अंदर चल क्या रहा था। चौंकाने वाली बात यह भी है कि मदरसे के आसपास रहने वाले लोग भी इलाका छोड़ चुके हैं। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि उन्हें कुछ सुराग जरूर मिला है लेकिन इस मामले में अधिकारी अभी कुछ भी बोलना नहीं चाहते।