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भगोड़ा और डरपोक होने का दाग मिटाना चाहता था, यूं ही नहीं भिंडरावाले के गांव में दी गिरफ्तारी

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हाइलाइट्स

  • कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा जिले में किया सरेंडर
  • रोडेवाला गुरुद्वारा में किया सरेंडर, जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव में है
  • भिंडरावाले को आदर्श मानता है अमृतपाल, ‘भगोड़ा’ होने का दाग मिटाना था
 

नई दिल्‍ली/चंडीगढ़: पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने गिरफ्तारी के लिए मोगा जिले के रोडेवाला गुरुद्वारे को ही क्‍यों चुना? लोकेशन जानेंगे तो समझ जाएंगे। यह गुरुद्वारा मोगा के रोडे गांव में स्थित है। वही गांव जहां अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म हुआ। भिंडरावाले का बचपन यहीं पर गुजरा। अमृतपाल की नजरों में अलगाववादी भिंडरावाले आदर्श है। वह भी खालिस्तान की बात करता है, वैसा ही हुलिया रखता है, वैसे ही हिंसा करने की बात करता है। पिछले करीब डेढ़ महीने से फरार चल रहे अमृतपाल को ‘भगोड़ा’ कहा जाना बर्दाश्त नहीं हो रहा था। सोशल मीडिया पर अमृतपाल की खिल्‍ली उड़ी। रूप बदलकर छिपते-छिपते अमृतपाल के मन में भिंडरावाले के आखिरी दिन चल रहे होंगे। किस तरह भिंडरावाले ने अमृतसर के स्‍वर्ण मंदिर में शरण ली थी। अमृतपाल भी वैसा ही कुछ करना चाहता था। स्वर्ण मंदिर तो जाना संभव नहीं था, इसलिए उसने अपने ‘गुरु’ का गांव चुना। रोडेवाला गुरुद्वारा पहुंचा, वहां संगत की। कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया और रविवार सुबह पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।

खुद दी गिरफ्तारी! अमृतपाल ने क्‍यों किया ऐसा

रोडेवाला गुरुद्वारा के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जसबीर सिंह रोडे ने पूरा घटनाक्रम समझाया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि ‘असलियत है कि उन्होंने (अमृतपाल) अपनी मर्जी से गिरफ्तारी दी। ठीक 7 बजे गिरफ्तारी दी। गुरुद्वारा संत खालसा के संत बाबा जरनैल सिंह भिंडरावाले के जन्‍मस्‍थान पर गिरफ्तारी दी।’ अमृतपाल ने जहां गिरफ्तारी दी, वह गुरुद्वारा भिंडरावाले की याद में बना है। यहीं पर पिछले साल अमृतपाल ने ‘दस्तारबंदी’ के साथ वारिस पंजाब दे की कमान संभाली थी। 29 सितंबर 2022 को यहीं से अमृतपाल सिंह ने ऐलान किया कि सिख अब तक गुलाम हैं। उस दिन के बाद अमृतपाल यहां बार-बार आया।

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मोगा का वह गुरुद्वारा जहां अमृतपाल ने दी गिरफ्तारी

 

 

‘भगोड़ा’ होने का दाग मिटाना था…

अमृतपाल सिंह 18 मार्च 2023 से फरार चल रहा था। पंजाब पुलिस ने उसकी तलाश में दिल्‍ली से लेकर हिमाचल तक की खाक छान डाली। दिल्‍ली में जीन्स-जैकेट पहने अमृतपाल सीसीटीवी में कैद हुआ। इस बीच उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया। वह वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें पंजाब पुलिस की कार्रवाई से हड़बड़ाया अमृतपाल ‘पुल्‍स आ गई पुल्‍स’ बोल रहा था। सोशल मीडिया में उसे ‘भगोड़ा’ कहा जाने लगा।

 



खालिस्‍तानी दंभ में जीने वाले अमृतपाल को कौम के आगे साबित भी करना था कि वह भगोड़ा नहीं है। गुरुद्वारे के भीतर संगत करते उसका वीडियो सामने आया है। इसमें भी वह भिंडरावाले के अंदाज में बात कर रहा है। अमृतपाल को शायद सुरक्षा का भी डर था। सुबह जब हिरासत में अमृतपाल की तस्‍वीर आई तो उसने एकदम भिंडरावाले की तरह हुलिया बना रखा था। मानो खुद को भिंडरावाले का उत्तराधिकारी होने का दावा ठोक रहा हो!

दुबई से लौटकर पंजाब में चलाई कट्टरपंथी मुहिम
वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर जिले के गांव जल्लूखेड़ा का रहने वाला है। करीब दस बरसों के बाद पिछले साल वह दुबई से लौटा था। यहां उसने खुद को जरनैल सिंह भिंडरावाला के पैरोकार के रूप में पेश किया। अमृतपाल कुछ ही महीनों के भीतर वारिस पंजाब दे संगठन के मुखी के रूप में उभरा। अमृतपाल ने पंजाब के कई जिलों में घूमकर युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार शुरू कर दिया।

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