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भारतीय सेना की तैनाती पर भड़का ड्रैगन,चीन से टकराओगे तो तबाह हो जाओगे

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हाइलाइट्स:

  • भारत के 50 हजार अतिरिक्‍त सैनिक तैनात करने पर चीन का सरकारी भोंपू भड़क उठा है
  • ग्‍लोबल टाइम्‍स ने धमकी दी कि अगर भारत गैरजरूरी प्रतिस्‍पर्द्धा करेगा तो तबाह हो जाएगा
  • उसने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे की ताकत का मिलकर इस्‍तेमाल करना चाहिए

पेइचिंग
लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत के 50 हजार अतिरिक्‍त सैनिक तैनात करने पर चीन का सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स भड़क उठा है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने अपने संपादकीय में धमकी दी कि अगर भारत पश्चिमी देशों के इशारे पर चीन के साथ गैरजरूरी प्रतिस्‍पर्द्धा करेगा तो तबाह हो जाएगा। चीनी अखबार ने यह भी कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे की ताकत का मिलकर इस्‍तेमाल करना चाहिए।

ड्रैगन और हाथी के बीच प्रतिस्‍पर्द्धा’
ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा, ‘सैन्‍य ताकत दिखाकर भारत को कोई फायदा नहीं होगा। यह भारत के हित में है कि वह चीन के साथ संयम बरते और सीमा विवाद को तेज करने से बचे।’ उसने कहा कि कोरोना काल में चीन की अर्थव्‍यवस्‍था कुलाचे मार रही है, वहीं भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में है। लंबी अवधि में भारत और चीन को अपने सीमा विवाद को समुचित तरीके से सुलझाना चाहिए और एक-दूसरे के विकास में सहयोग करना चाहिए।

चीनी अखबार ने दावा किया कि अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया भारत को क्‍वॉड में शामिल करके अपना सहयोगी बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। ये देश ‘ड्रैगन’ और ‘हाथी’ के बीच प्रतिस्‍पर्द्धा पैदा करना चाहते हैं ताकि लंबी अ‍वधि में दोनों एक-दूसरे को खा जाएं। इसके जरिए वे कम अवधि में चीन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दीर्घ अवधि में भारत को तबाह कर सकते हैं। इस तरह से अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया एक पत्‍थर से दो पक्षियों को मारना चाहते हैं।

हिंद महासागर में भारत-अमेरिका का महा युद्ध अभ्यास, चीन के लिए छिपा है संदेशभारत की तरफ से जगुआर और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान, मैरिटाइम-स्ट्राइक जगुआर, आईएल-78 हवा से हवा में ईंधन भरने वाले टैंकर विमान, अवाक्स विमान और युद्धक पोत आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तेग हिस्सा ले रहे हैं।

अमेरिका की तरफ से इस मेगा एयर कॉम्बेट एक्सर्साइज में परमाणु हथियारों से लैस विमान वाहक पोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन भी शामिल है। एक लाख टन वजनी यूएसएस रोनाल्ड रीगन उन 10 अमेरिकी निमित्ज श्रेणी का सुपरकैरियर है जो 80 से 90 F-18 सुपर हॉर्नेट्स लड़ाकू विमानों के साथ-साथ अर्ली-वॉर्निंग एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टरों को ले जा सकता है।

USS रोनाल्ड रीगन की अगुआई में अमेरिका का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप इस मेगा एक्सर्साइज में अपना युद्ध कौशल दिखा रहा है। कैरियर स्ट्राइक ग्रुप नेवी का बड़ा दस्ता होता है जिसमें एक विमान वाहक पोत के साथ कई विध्वंसक और अन्य पोत शामिल होते हैं। अमेरिकी नेवी का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप फिलहाल हिंद महासागर क्षेत्र में ही तैनात है।

इस मेगा एयर कॉम्बेट एक्सर्साइज में अमेरिकी नेवी के F-18 फाइटर जेट और E-2C हॉक आई एयरक्राफ्ट भी हिस्सा ले रहे हैं।

यह युद्धाभ्यास तिरूवनंतपुरम के दक्षिण में पश्चिमी समुद्री तट पर किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में मजबूती आई है। अमेरिका ने जून 2016 में भारत को ‘बड़ा रक्षा सहयोगी’ बताया था। दो दिवसीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और समुद्री अभियानों में समन्वय करने की क्षमता प्रदर्शित करना है।

दक्षिण चीन सागर में जब-तब अपनी धौंस जमाने की कोशिश करने वाले चीन की बुरी नजर हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी है। इस मेगा एयर कॉम्बैट एक्सर्साइज में विस्तारवादी चीन के लिए साफ संदेश छिपा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में उसे किसी भी हिमाकत से बाज आना चाहिए।

हाल के महीनों में हिंद महासागर क्षेत्र में भारत ने कई सैन्य अभ्यास किए हैं। उसी कड़ी में यह भी है। द्विपक्षीय अभ्यासों से इतर भारत ने तीन अन्य ‘क्वॉड’ देशों (अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के साथ भी अप्रैल में बंगाल की खाड़ी में फ्रांस के नौसैनिक युद्धअभ्यास में हिस्सा ले चुका है।

भारत ने सीमा पर 50 हजार अतिरिक्‍त सैनिक तैनात क‍िए
ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि अगर भारत पश्चिमी देशों के दबाव में अनावश्‍यक प्रतिस्‍पर्द्धा में पड़ता है तो यह भारत के लिए भयावह सपने के समान होगा। इससे पहले भारत ने चीन की बढ़ती सैन्‍य तैनाती से निपटने के लिए सीमा पर 50 हजार अतिरिक्‍त सैनिक तैनात कर दिए थे। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने यह खबर देते हुए चीन से मुकाबले के लिए भारत के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है। एजेंसी न चार अलग-अलग सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने पिछले कुछ महीनों में चीनी सीमा से सटे तीन अलग-अलग इलाकों में सैन्य टुकड़ियों और युद्धक विमानों को तैनात किया है।

इस तरह, अब भारत अब चीन की सीमा पर नजर रखने के लिए करीब दो लाख सैनिकों को तैनात कर दिया है जो पिछले साल के मुकाबले 40% ज्यादा है। एक सूत्र ने कहा कि भारत अब चीन के खिलाफ भी ‘ऑफेंसिव डिफेंस’ की रणनीति अपनाने में नहीं हिचकेगा। इसके लिए एक घाटी से दूसरे घाटी तक सैनिकों और हल्के हॉवित्जर तोपों को लाने-ले जाने में हेलिकॉप्टरों की भी तैनाती सुनिश्चित की गई है।

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